मुंबई, तीन अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने अपनी मकाऊ यात्रा को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर पलटवार किया।
बावनकुले ने कहा, “पिछले साल संपन्न विधानसभा चुनावों में हार और आगामी नगर निकाय चुनावों में जीत की कोई संभावना नहीं दिखने के कारण उद्धव की मानसिकता विकृत हो गई है।” उन्होंने कहा कि अपशब्दों या अपमानजनक भाषा का सहारा लेकर राजनीति नहीं की जा सकती।
उद्धव ने अपने वार्षिक दशहरा संबोधन में बावनकुले की ओर से कुछ साल पहले की गई मकाऊ यात्रा को लेकर उन पर निशाना साधा था।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता बावनकुले ने कहा, “विदेश में कोई भी अपने परिवार के साथ नाइटलाइफ (देर रात होने वाली मनोरंजक गतिविधियां) का आनंद लेने नहीं निकलता। जब आदित्य ठाकरे स्कॉटलैंड गए थे या उद्धव ठाकरे लंदन गए थे, तो क्या वे परिवार को छोड़कर रात में बाहर घूमने निकले थे? हम अपने पूरे परिवार के साथ मकाऊ गए थे। (यात्रा की) तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ की गई और उन्हें गलत तरीके से प्रसारित किया गया।”
मंत्री ने इन आरोपों को खारिज किया कि राज्य सरकार आदिवासियों की जमीन हड़पने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “विचाराधीन प्रस्ताव आदिवासी किसानों को आय के लिए अपनी जमीन पट्टे पर देने की अनुमति देता है। अनुबंध जिला अधिकारियों के समक्ष पंजीकृत किए जाएंगे और किसी भी आदिवासी अधिकार से समझौता नहीं किया जाएगा। जमीन का मलिकाना हक आदिवासियों के नाम पर ही रहेगा।”
बावनकुले ने कहा कि शिवसेना (उबाठा) की सहयोगी कांग्रेस हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर का अपमान करती है और इस पर उद्धव की चुप्पी वोटों के लिए उनकी हताशा को दर्शाती है।
उन्होंने कहा, “जनता सत्ता के लिए सिद्धांतों से समझौता करने वालों को माफ नहीं करेगी।”
बावनकुले ने दशहरा रैली के संबोधन में कांग्रेस या राहुल गांधी का जिक्र नहीं किए जाने के लिए उद्धव की आलोचना की। उन्होंने दावा किया कि उद्धव ने खुद को राहुल गांधी के एजेंडे के साथ जोड़ लिया है।
बावनकुले ने कहा, “राहुल गांधी विदेश जाकर भारत की छवि खराब करते हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक स्तर पर देश की साख बढ़ाई है। अगर उन्हें भारत पसंद नहीं है, तो उन्हें इटली चले जाना चाहिए।”
उन्होंने भरोसा दिलाया कि बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती नहीं की जाएगी।
भाषा पारुल रंजन
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