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शनिवार, 7 जून, 2025
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बांकुरा मालगाड़ी हादसा: रेल कर्मी संघ ने लंबी ड्यूटी को लोको पायलट की नींद के लिए जिम्मेदार ठहराया

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(फाइल फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, छह जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल के बांकुरा में एक मालगाड़ी के दूसरी मालगाड़ी से टकराने के मामले में सेवा से बर्खास्त किए गए लोको पायलट का बचाव करते हुए रेल कर्मचारियों के एक संघ ने कहा कि लंबे समय तक काम करना और ‘‘रात्रि पाली की अत्यधिक ड्यूटी’’ इस घटना के लिए जिम्मेदार है।

‘ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन’ ने 25 जून को हुई घटना के बारे में कहा कि यह जानबूझकर नहीं किया गया बल्कि यह शरीर की स्वाभाविक जैविक प्रतिक्रिया है। इस घटना के बारे में लोको पायलट और सहायक ने स्वीकार किया था कि वे ड्यूटी के दौरान सो गए थे।

ट्रेन 25 जून को बांकुरा जिले के ओंडा में एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। घटना में कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन इससे दक्षिण-पूर्व रेलवे के आद्रा खंड पर ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुई थीं। टक्कर के कारण आठ डिब्बे पटरी से उतर गए थे।

लोको पायलट को ड्यूटी के दौरान झपकी आ गई थी, जिसके परिणामस्वरूप ट्रेन सिग्नल को पार कर गई और एक खड़ी ट्रेन से टकरा गई।

जांच के दौरान दोनों ने स्वीकार किया कि वे सो गए थे। उन्होंने कहा, ‘‘आंख लग गई।’’ इसके बाद उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।

इसे ‘‘बिना सोचे समझे’’ किया गया फैसला बताते हुए संघ ने एक पत्र में कहा कि लोको पायलट स्वरूप सिंह घटना से पहले एक महीने में 18 फेरे लगाए थे। इनमें 14 रात्रि ड्यूटी के थे जबकि 10 फेरे 10 घंटे से अधिक के थे और आठ फेरे 12 घंटे से अधिक के थे।

रेल कर्मचारी संघ ने कहा कि सहायक लोको पायलट जीएस कुमार ने इसी अवधि में 22 फेरे लगाए थे जिनमें 17 फेरे रात्रि पाली के, 13 फेरे 10 घंटे से अधिक समय के और आठ फेरे 12 घंटे से अधिक के थे।

संघ ने दावा किया कि इसके अलावा कुमार को लगातार 19.56 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने दावा किया कि घटना से तीन दिन पहले 22 जुलाई को उन्हें लगातार 16.50 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया गया था।

रेलवे संघ ने कहा, ‘‘हर यात्रा के दौरान कार्य की लंबी अवधि और रात्रिकालीन ड्यूटी की अत्यधिक संख्या के कारण अत्यधिक थकान और नींद की स्थिति बनी रहती है जिससे झपकी आती रहती है। झपकी जानबूझकर नहीं आती और यह मनुष्य के नियंत्रण में भी नहीं होती। यह शरीर की जैविक प्रतिक्रिया है।

रेल कर्मी संघ ने पत्र में कहा, ‘‘इन तथ्यों एवं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हम अनुरोध करते हैं कि सेवा से बर्खास्त करने के आदेश को वापस लिया जाए और इस पर पुनर्विचार कर न्याय सुनिश्चित किया जाए।’’

भाषा सुरभि अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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