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Tuesday, 5 November, 2024
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बैंक ऑफ बड़ौदा ने ‘तकनीकी कारणों से’ सनी देओल के जुहू विला का ‘ई-नीलामी’ नोटिस लिया वापस

बैंक ने ‘56 करोड़ रुपये का बकाया वसूलने’ के लिए 25 सितंबर को होने वाली नीलामी के लिए रविवार को राष्ट्रीय अखाबर में ‘सनी विला’ की बिक्री की सूचना दी थी. कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने इस पर हैरानी जताई है.

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मुंबई: सनी देओल के मुंबई विला की नीलामी की घोषणा करने वाले एक राष्ट्रीय अखबार में विज्ञापन देने के एक दिन बाद, बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने सोमवार को एक सुधार जारी करते हुए कहा कि “अजय सिंह देओल उर्फ सनी देओल के संबंध में बिक्री नोटिस के संबंध में ई-नीलामी” तकनीकी कारणों से अपना नोटिस वापस ले लिया है”.

यह ऐसे समय में आया है जब बॉलीवुड स्टार अपनी नवीनतम फिल्म गदर 2 की सफलता का आनंद ले रहे हैं.

बैंक ऑफ बड़ौदा ने रविवार को घोषणा की थी कि वह अभिनेता को दिए गए कर्ज़ की वसूली के लिए जुहू में स्थित देओल के विला की नीलामी करेगा. बैंक के अनुसार, ब्याज सहित कर्ज़ राशि 56 करोड़ रुपये है.

रविवार को एक राष्ट्रीय अखबार में प्रकाशित सरफेसी अधिनियम, 2002 के तहत वैधानिक 30-दिवसीय बिक्री नोटिस में बैंक ने कहा कि गिरवी रखा गया विला – जिसे ‘सनी विला’ के रूप में पहचाना जाता है और जुहू में गांधी ग्राम रोड पर स्थित है — की ई-नीलामी 25 सितंबर को की जाएगी.

19 अगस्त को जारी नोटिस में कहा गया है कि देओल — पंजाब के गुरदासपुर से लोकसभा सांसद, जिनका औपचारिक नाम अजय सिंह देओल है — कर्ज़ के उधारकर्ता और गारंटर थे. कर्ज़ के लिए गारंटर और कॉर्पोरेट गारंटर के रूप में उनके भाई बॉबी देओल या विजय सिंह देओल, उनके पिता धर्मेंद्र सिंह देओल और सनी देओल की कंपनी सनी साउंड्स प्राइवेट लिमिटेड को भी नामित किया गया था.

बैंक की जोनल स्ट्रेस्ड एसेट रिकवरी ब्रांच द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि बैंक ने नीलामी के लिए आरक्षित मूल्य 51.43 करोड़ रुपये रखा है और बयाना राशि लगभग 5.14 करोड़ रुपये है, जबकि नीलामी बोली में वृद्धि 10 लाख रुपये है.

जबकि देओल्स ने अब तक इस मुद्दे पर कोई सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया है. दिप्रिंट ने टेक्स्ट संदेशों के माध्यम से सनी देओल से संपर्क की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने इस रिपोर्ट के प्रकाशित किए जाने तक कोई जवाब नहीं दिया था.

दिप्रिंट ने बिक्री नोटिस पर सूचीबद्ध अधिकृत बैंक अधिकारी से भी फोन पर संपर्क किया. उनसे जवाब मिलने पर इस खबर को अपडेट कर दिया जाएगा.

बैंकिंग नियमों के अनुसार, अगर 90 दिनों की अवधि तक ब्याज और मूलधन का भुगतान नहीं किया जाता है तो कोई कर्ज़ गैर-निष्पादित परिसंपत्ति बन जाता है. बैंकों को ऐसे कर्ज़ से संभावित नुकसान को कवर करने के लिए पैसे अलग रखने की आवश्यकता होती है और वे राशि की वसूली के लिए आमतौर पर गिरवी संपत्तियों की नीलामी करते हैं.

इस बीच कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने नीलामी नोटिस वापिस लिए जाने पर आश्चर्य जताया.

उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा, ‘‘कल दोपहर को देश को पता चला कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने भाजपा सांसद सनी देओल के जुहू स्थित आवास को ई-नीलामी के लिए रखा है क्योंकि उन्होंने बैंक का 56 करोड़ रुपये नहीं चुकाया है. आज सुबह 24 घंटे से भी कम समय में देश को पता चला कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने ‘तकनीकी कारणों’ से नीलामी नोटिस वापस ले लिया है. आश्चर्य है कि इन ‘तकनीकी कारणों’ को किसने ट्रिगर किया?’’

(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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