हरिद्वार, 29 जुलाई (भाषा) बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री नायला कादरी ने पाकिस्तान के अवैध कब्जे से आजादी के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समर्थन मांगा है।
हरिद्वार में गंगा के तट पर स्थित वीआईपी घाट पर बलूचिस्तान की आजादी के लिए पूजा करने के बाद कादरी ने संवाददाताओं से कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार के पास आज संयुक्त राष्ट्र में बलूचिस्तान के समर्थन में आवाज उठाने का मौका है, जो कल उनके पास नहीं हो सकता है।”
उन्होंने कहा, “बलूचिस्तान, जो कभी एक स्वतंत्र देश था, आज पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है। पाकिस्तान बलूचिस्तान के खनिज संसाधनों को लूट रहा है और उसके लोगों पर हर तरह के अत्याचार कर रहा है। बलूच लड़कियों के साथ बलात्कार किया जा रहा है, घरों और बगीचों को आग के हवाले किया जा रहा है।”
कादरी ने कहा, “पाकिस्तान यह काम अकेले नहीं कर रहा है। उसने बलूच लोगों पर अत्याचार करने के लिए चीन को भी अपने साथ शामिल कर लिया है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर भारत संयुक्त राष्ट्र में बलूचिस्तान के लिए खड़ा होता है, तो “हम भी अपने देश के आजाद होने पर भारत के समर्थन में खड़े होंगे।”
भारत और बलूचिस्तान के बीच समानताओं के बारे में बात करते हुए कादरी ने कहा कि दोनों को धर्म के नाम पर कुचला गया।
कादरी के साथ डासना मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद भी थे, जिन पर 2021 में हरिद्वार में एक ‘धर्म संसद’ कार्यक्रम में मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरा भाषण देने के आरोप लगे थे।
कादरी पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आजादी के लिए समर्थन जुटाने के वास्ते इस समय दुनिया के विभिन्न देशों का दौरा कर रही हैं।
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पारुल माधव
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