टोक्यो ओलंपिक में बजरंग पूनिया ने जीता कांस्य पदक, पिता ने कहा- मेरा सपना पूरा किया

बजरंग पूनिया के पिता बलवान सिंह ने कहा- यह मेरे लिए गोल्ड मेडल है. उसने मुझसे कहा था कि वह खाली हाथ नहीं लौटेगा.

टोक्यो ओलंपिक में कुश्ती जीतने वाले बजरंग पूनिया की फाइल फोटो
टोक्यो ओलंपिक में कुश्ती जीतने वाले बजरंग पूनिया की फाइल फोटो

नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक में शनिवार को भारत ने एक और पदक अपने नाम किया है. बजरंग पूनिया ने कुश्ती के 65 किग्रा. भारवर्ग में कांस्य पदक जीता है. उन्होंने कज़ाखस्तान के पहलवान दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से हराया. बजरंग पूनिया कहा- उसने मेरा सपना पूरा किया है. यह पदक गोल्ड के बराबर है

यह भारत का कुश्ती में दूसरा और वर्तमान खेलों में कुल छठा पदक है. भारत ने इस तरह से एक ओलंपिक में सर्वाधिक पदक जीतने के अपने पिछले रिकार्ड की बराबरी की.

इससे पहले रवि दहिया ने कुश्ती में पुरुषों के 57 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीता था. भारत ने इससे पहले लंदन ओलंपिक 2012 में छह पदक जीते थे तब कुश्ती में सुशील कुमार ने रजत और योगेश्वर दत्त ने कांस्य पदक हासिल किया था.

बजरंग शुरू से ही दृढ़ इरादों के साथ मैट पर उतरे. उन्होंने पहले पीरियड दो अंक बनाये और इस बीच अपने रक्षण का अच्छा नमूना पेश किया. वह दूसरे पीरियड में अधिक आक्रामक नजर आये जिसमें उन्होंने छह अंक हासिल किये.

इस जीत से बजरंग ने नियाजबेकोव से विश्व चैंपियनशिप 2019 के सेमीफाइनल में मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया.

बजरंग पूनिया के पिता बलवान सिंह ने बजरंग की जीत पर कहा कि उसने मेरे सपनों को पूरा किया. यह मेरे लिए गोल्ड मेडल है. उसने मुझसे कहा था कि वह खाली हाथ नहीं लौटेगा.

वहीं इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक से एक मजेदार खबर है. बजरंग पुनिया ने  शानदार मुकाबला किया. आपकी इस उपलब्धि के लिए आपको बधाई, जिससे कि हर भारतीय को गर्व और खुशी होती है.

भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी ट्वीट के बजरंग पूनिय को कांस्य पदक जीतने पर बधाई दी है.