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Friday, 19 April, 2024
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किसान के बेटे नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में रचा इतिहास, भारत को एथलेटिक्स में पहला मेडल दिलाया, वो भी गोल्ड

नीरज चोपड़ा ने भारत का एथलेटिक्स में ओलंपिक पदक जीतने का पिछले 100 साल से भी अधिक का इंतजार समाप्त कर दिया. मिल्खा सिंह और पीटी ऊषा क्रमश 1964 और 1984 में मामूली अंतर से चूक गये थे.

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नई दिल्ली: भारतीय भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने शनिवार को यहां टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता. देश को दूसरा व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक दिलाया.

नीरज चोपड़ा ने दूसरे थ्रो में 87.58 मीटर दूर भाला फेंककर पहला स्थान हासिल किया.

इस तरह देश को एथलेटिक्स में पहला ओलंपिक पदक मिला. इससे पहले निशानेबाजी में बीजिंग ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा ने गोल्ड मेडल जीता था.

स्वर्ण पदक जीतने के बाद भाला फेंक के एथलीट नीरज चोपड़ा ने कहा, यह अविश्वसनीय है, मेरे और देश के लिये गौरवशाली क्षण है.

नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में गोल्ड मेडल जीतकर भारतीय खेलों में नया इतिहास रच दिया है. नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंका जो कि सोने का तमगा हासिल करने के लिये पर्याप्त था. इससे उन्होंने भारत का एथलेटिक्स में ओलंपिक पदक जीतने का पिछले 100 साल से भी अधिक का इंतजार समाप्त कर दिया.

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उधर नीरज ने स्वर्ण पदक जीतने के बाद तिरंगा लेकर मैदान का चक्कर लगाया और इसका जश्न मना रहे थे इधर पूरा देश उनकी कामयाबी पर ठोल नगाड़े के साथ जश्न में डूबा था. पीएम मोदी से लेकर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद तक ने उनकी जीत को एतिहासिक बताते हुए बधाई दी है. वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने तो उनके लिए खजाना ही खोल दिया है.

मनोहर लाल खट्टर कहा, जिस प्रकार से आज हमने प्रत्यक्ष मैच देखा, ये बहुत खुशी का पल है. ये बहुत बड़ी उपलब्धि है, देश के लिए उपलब्धि है, हरियाणा के लिए उपलब्धि है. उन्हें 6 करोड़ रुपये और क्लास-1 की नौकरी दी जाएगी.

सीएम ने आगे कहा, ‘नौकरी में भी हमारी ऑफर रहेगी कि पंचकूला में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर एथलेटिक्स बनाएंगे और उसमें उसे(नीरज चोपड़ा) हेड बनाएंगे.’

नीरज को ओलंपिक से पहले ही पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा है और इस 23 वर्षीय एथलीट ने अपेक्षानुरूप प्रदर्शन करते हुए क्वालीफिकेशन में अपने पहले प्रयास में 86.59 मीटर भाला फेंककर शीर्ष पर रहकर फाइनल में जगह बनायी थी.

फाइनल में उन्होंने पहले प्रयास में 87.03 मीटर भाला फेंका था और वह शुरू से ही पहले स्थान पर चल रहे थे. तीसरे प्रयास में वह 76.79 मीटर भाला ही फेंक पाये जबकि चौथे प्रयास में फाउल कर गये. उन्होंने छठे प्रयास में 84.24 मीटर भाला फेंका लेकिन इससे पहले उनका स्वर्ण पदक पक्का हो गया था.

चेक गणराज्य के जाकुब वादलेच ने 86.67 मीटर भाला फेंककर रजत जबकि उन्हीं के देश के वितेजस्लाव वेस्ली ने 85.44 मीटर की दूरी तक भाला फेंका और कांस्य पदक हासिल किया.

गोल्ड के लिए शुरू से ही निगाहें टिकी थीं नीरज पर

भारत का एथलेटिक्स में ओलंपिक पदक का पिछले 100 साल का इंतजार खत्म करने के लिये सभी की निगाहें नीरज चोपड़ा पर टिकी हुई थीं.

नीरज को ओलंपिक से पहले ही पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था और इस 23 वर्षीय एथलीट ने अपेक्षानुरूप प्रदर्शन करते हुए क्वालीफिकेशन में अपने पहले प्रयास में 86.59 मीटर भाला फेंककर शान के साथ फाइनल में जगह बनायी थी.

भारत की तरफ से एंटवर्प ओलंपिक में पांच खिलाड़ियों ने भाग लिया था जिसमें तीन ट्रैक एवं फील्ड के एथलीट थे, लेकिन तब से लेकर अब तक कोई भी भारतीय एथलेटिक्स में पदक नहीं जीत पाया है.

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) अब भी नार्मन प्रिचार्ड के पेरिस ओलंपिक 1900 में 200 मीटर और 200 मीटर बाधा दौड़ में जीते गये पदकों को भारत के नाम पर दर्ज करता है लेकिन विभिन्न शोध तथा अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ (अब विश्व एथलेटिक्स) के अनुसार उन्होंने तब ग्रेट ब्रिटेन का प्रतिनिधित्व किया था.

हरियाणा में पानीपत के करीब स्थित खांद्रा गांव के एक किसान के बेटे नीरज ने पदक जीतकर इतिहास रच दिया है. मिल्खा सिंह और पीटी ऊषा क्रमश 1964 और 1984 में मामूली अंतर से चूक गये थे.

चोपड़ा ने बुधवार को क्वालीफाईंग दौर के बाद कहा था, ‘यह मेरे पहले ओलंपिक खेल है और मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं. अभ्यास के दौरान मेरा प्रदर्शन अच्छा नहीं था लेकिन क्वालीफाईंग में मेरा पहला थ्रो सही कोण से गया. यह शानदार थ्रो था.’

उन्होंने कहा, ‘मुझे थ्रो पर ध्यान देने की आवश्यकता है और अपना यही प्रदर्शन दोहराना होगा और इससे अधिक स्कोर बनाना होगा.’

चोपड़ा ने इस साल 88.07 मीटर के प्रदर्शन के साथ ओलंपिक में पहुंचे हैं. क्वालीफाईंग में उन्होंने स्वर्ण पदक के दावेदार और 2017 के विश्व चैंपियन जर्मनी के योहानेस वेटर को भी पीछे छोड़ा था. अप्रैल और जून में 90 मीटर थ्रो करने वाले वेटर ने चोपड़ा के बाद दूसरे स्थान पर रहकर क्वालीफाई किया था.

पदक के कुछ दावेदार क्वालीफाईंग में ही बाहर हो गये. इनमें पोलैंड के मार्सिन क्रूकोवस्की और 2012 के ओलंपिक चैंपियन और रियो 2016 के कांस्य पदक विजेता त्रिनिदाद एवं टोबैगो के केशोर्न वालकॉट भी शामिल हैं.

इस सत्र में सर्वश्रेष्ठ पांच प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों में केवल चोपड़ा और वेटर ही फाइनल में पहुंचे हैं.

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