रायपुर : एक दिन पहले नक्सल विरोधी अभियान को और तेज करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखने के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज नई दिल्ली में शाह से मिलकर बस्तर में सुरक्षबलों की संख्या बढ़ाने की मांग को दोहराया. बघेल ने बस्तर में नक्सल समस्या को जड़ से मिटाने के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने का भी आग्रह किया.
शाह के साथ बैठक में बघेल ने केंद्रीय गृहमंत्री से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचार सुविधा बढ़ाने, सीआरपीएफ की दो और बटालियन की तैनाती और पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए बजट सहित विभिन्न मुद्दों पर अपनी मांग रखा, जवाब में गृह मंत्री ने जल्द कार्रवाई करने का भरोसा दिया.
सुरक्षा संबंधित मजबूती के अलावा मुख्यमंत्री ने बस्तर में रोज़गार की सुविधा, नक्सल क्षेत्रों में बैंकों, सड़कों, आधारभूत संरचनाओं के विकास संबंधी मुद्दों पर भी शाह के सामने अपनी सरकार का एजेंडा रखा.
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एक अन्य चर्चा में मुख्यमंत्री ने शाह से यह भी मांग किया कि बस्तर में स्थापित होने वाले स्टील प्लांट्स को 30 प्रतिशत डिस्काउन्ट पर लौह अयस्क उपलब्ध कराया जाए. बघेल के अनुसार इससे क्षेत्र में करोड़ों का निवेश और हजारों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे.
मुख्यमंत्री ने बस्तर के बड़े भाग में अभी तक ग्रिड की बिजली नहीं पहुंचने के कारण सौर उर्जा संयंत्रों की स्थापना पर भी बल दिया.
बैठक शाह के आश्वासन के साथ यह निर्णय भी लिया गया कि बघेल द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों पर अंतिम निर्णय लेने के लिए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधिकारियों और छत्तीसगढ़ के अधिकारियों की रायपुर में जल्द बैठक होगी.
6 लाख टन धान से इथेनॉल बनाने की अनुमति मांगी
अपने दिल्ली प्रवास के दैरान एक अन्य बैठक में बघेल ने केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मांग की कि एफसीआई और राज्य की आवश्यकता से अधिक खरीदी गई करीब 6 लाख टन धान से बायो एथेनॉल बनाने की अनुमति दी जाए.
बघेल ने बताया कि राज्य में वर्ष 2018-19 में 80.38 लाख मेट्रिक टन और 2019-20 में 83.94 लाख मेट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी. यह केंद्रीय पूल एवं राज्य में पीडीएस दुकानों की आवश्यकता से काफी ज्यादा थी. बघेल के अनुसार अतिरिक्त धान की मिलिंग कराकर किसानों को राहत देने के लिए सरकार को बाध्य होना पड़ा. लेकिन यदि छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 6 लाख मेट्रिक टन धान से एथेनॉल उत्पादन करने की अनुमति मिल जाए तो इस समस्या से निदान मिल सकता है. मुख्यमंत्री ने प्रधान से वन क्षेत्रों मैं ग्रामीणों के लिए मिट्टी के तेल का कोटा बढ़ाने का आग्रह किया किया जिसे केंद्रीय मंत्री ने स्वीकार कर लिया.
बस्तर के हर कलेक्टर को 50 करोड़ की मांग और निजीकरण का विरोध
बघेल ने बस्तर संभाग के सातों आकांक्षी जिलों में संसाधनों के विकास हेतु कलेक्टरों को कम से कम 50-50 करोड़ रूपये की राशि प्रतिवर्ष दिए जाने की भी मांग अमित शाह से रखी. इसके साथ ही उन्होंने बस्तर स्थित केंद्रीय संस्थान एनएमडीसी के नगरनार स्टील प्लांटका निजीकरण नहीं करने की बात कही. केंद्रीय गृह मंत्री ने नगरनार मामले में भी विचार करने का आश्वासन दिया.