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Monday, 13 January, 2025
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बदलापुर स्कूल यौन हमला प्रकरण की पीड़िताएं बहुत कम उम्र की है, सुनवाई तेजी से हो: उच्च न्यायालय

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मुंबई, 13 जनवरी (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि पिछले वर्ष के बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले की सुनवाई तेजी से होनी चाहिए, क्योंकि पीड़ित लड़कियां बहुत छोटी हैं।

पिछले वर्ष अगस्त में महाराष्ट्र में ठाणे जिले के बदलापुर में एक स्कूल के शौचालय में एक परिचारक ने चार और पांच वर्ष की दो लड़कियों पर कथित रूप से यौन हमला किया था।

उसे गिरफ्तार कर किया गया और बाद में जब उसे पूछताछ के लिए जेल से ले जाया जा रहा था तब पुलिस के साथ गोलीबारी में उसकी मौत हो गई थी।

महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने इस मामले की जांच की और आरोपपत्र दाखिल किया।

बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) के प्रावधानों के तहत यौन हमले की ‘रिपोर्ट करने में विफल रहने’ को लेकर ‘परिचारक, स्कूल के प्रधानाध्यापक और उसके प्रबंधन के दो सदस्यों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया था।

उच्च न्यायालय ने इस घटना का स्वतः संज्ञान तब लिया जब यह सामने आया कि स्थानीय बदलापुर पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए त्वरित कार्रवाई नहीं की।

सोमवार को सरकारी वकील हितेन वेंगांवकर ने न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की पीठ को बताया कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है, आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है और अब मुकदमा चलेगा।

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘ इस मामले को तेजी से निपटाया जाना चाहिए क्योंकि पीड़ित लड़कियां बहुत छोटी उम्र की हैं।’’

पीठ ने कहा कि जैसा कि पोक्सो कानून अधिनियम में व्यवस्था दी गयी है, उसके हिसाब से लड़कियों के परीक्षण के समय एक महिला वकील को उपस्थित रहना होगा।

वेंगांवकर ने कहा कि मामले में विशेष सरकारी वकील की सहायता के लिए एक महिला अभियोजक नियुक्त की गई है।

पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को तय की है। तब अभियोजन पक्ष को मुकदमे के चरण के बारे में बताना होगा।

20 जनवरी को उच्च न्यायालय परिचारक के पिता की इस याचिका पर भी सुनवाई करेगा कि कि उनके बेटे की पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में हत्या कर दी।

भाषा

राजकुमार नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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