लखनऊ, 11 मार्च (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खां को राज्य जल निगम के कथित भर्ती घोटाला मामले में शुक्रवार को जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की पीठ ने आजम की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि शासकीय अधिवक्ता कोई ऐसा निर्णायक सबूत पेश नहीं कर पाए हैं जिससे उत्तर प्रदेश राज्य जल निगम में हुए भर्ती घोटाले में आजम खां की सक्रिय भूमिका साबित हो।
अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए सभी तथ्यों और मामले से जुड़े हालात को देखते हुए हो सकता है कि आजम को आगे की जांच के लिए हिरासत में रखा जाना प्रथम दृष्टया जरूरी ना हो।
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत को यह बताया गया कि आजम के खिलाफ दर्ज 87 मुकदमों में से दो को छोड़कर बाकी में उन्हें जमानत मिल चुकी है। उन दो मुकदमों में जल निगम भर्ती घोटाले का मुकदमा भी शामिल है। इस मामले को लेकर वह 19 नवंबर 2020 से जेल में हैं।
गौरतलब है कि विशेष जांच दल ने उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार के कार्यकाल में राज्य जल निगम में 1300 पदों पर हुई भर्ती में अनियमितता के आरोप में आजम खां के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
भाषा सं सलीम राजकुमार
राजकुमार
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