नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राम जन्मभूमि आंदोलन की अगुवाई करने वाले नेताओं में से एक लालकृष्ण आडवाणी ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश हैं. उन्होंने ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच द्वारा अयोध्या मामले पर दिए गए फैसले का स्वागत करने में मैं भी देशवासियों के साथ खड़ा हूं.’
उन्होंने बयान जारी कर कहा, मैं मंदिर मुहिम का हिस्सा रहा हूं और आज अपने आप को धन्य महसूस कर रहा हूं. उन्होंने लिखा है कि मंदिर आंदोलन आज़ादी के बाद का सबसे बड़ा आंदोलन था.
अपने बयान में आडवाणी ने यह भी कहा कि अब जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है, तो ऐसे में समय आ गया है कि हम सब सभी विवादों और कटुता को पीछे छोड़ सद्भाव और शांति को गले लगाएं. उन्होंने लिखा कि मैं हमेशा जोर देकर कहता रहा हूं कि राम और रामायण की भारतीय संस्कृति और सभ्यता में प्रमुख स्थान है और रामजन्मभूमि भारत और विदेशों में रह रहे करोड़ों लोगों के दिल में पवित्र स्थान रखती है.
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‘रामजन्मभूमि भारत और विदेशों में हमारे देश के करोड़ों लोगों के दिलों में एक विशेष और पवित्र स्थान रखती है. इसलिए, यह फैसला संतुष्टिदायक है कि अदालत ने करोड़ों लोगों की धारणा और भावनाओं का सम्मान किया है.’
आडवाणी ने शीर्ष अदालत द्वारा अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए ‘पांच एकड़ जमीन’ दिए जाने का भी स्वागत किया है. उन्होंने लिखा कि आज अदालत के इस फैसले के बाद अयोध्या में चले आ रहे मंदिर मस्जिद विवाद का अंत हो गया है. उन्होंने सभी से भारत को मजबूत बनाने, राष्ट्रीय एकता और अखंडता को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने की अपील करता हूं.
रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान, मैं अक्सर कहा करता था कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का असली उद्देश्य एक शानदार राष्ट्र मंदिर का निर्माण करना है – भारत को एक मजबूत, समृद्ध, शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण राष्ट्र का निर्माण करना हैं जहां सभी का न्याय हो. आइए हम आज उस महान मिशन के लिए खुद को समर्पित करें.