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Friday, 22 November, 2024
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सुन्नी वक्फ बोर्ड ने स्वीकार की जमीन, मस्जिद के साथ इंडो-इस्लामिक सेंटर, अस्पताल और लाइब्रेरी भी बनेगी

यूपी सरकार की ओर से अयोध्या के रौनाही में मस्जिद के लिए पांच एकड़ भूमि का आवंटन किया गया है. अयोध्या से लगभग 20 किमी. दूर रौनाही के धन्नीपुर  में ये जमीन दी गई है. धन्नीपुर गांव मुस्लिम बाहुल्य माना जाता है.

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लखनऊ: यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा दी गई 5 एकड़ जमीन को स्वीकार कर लिया है. सोमवार को वक्फ बोर्ड के सदस्यों की मीटिंग के बाद बोर्ड अध्यक्ष जुफर अहमद फारूकी ने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी. इस बैठक में आठ में से छह सदस्य मौजूद रहे, जबकि दो सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार किया.

मस्जिद के साथ अस्पताल व लाइब्रेरी भी

जुफर अहमद फारूकी ने बताया कि मस्जिद बनाने के लिए एक ट्रस्ट का गठन किया जाएगा. ये ट्रस्ट इंडो इस्लामिक सभ्यता को दिखाने के लिए एक सेंटर, एक चैरिटेबल अस्पताल व पब्लिक लाइब्रेरी का निर्माण करेगा. ये आवंटित जमीन पर ही किया जाएगा. हालांकि इस ट्रस्ट में सदस्य कौन-कौन होंगे इसकी घोषणा बाद में की जाएगी.

अयोध्या से थोड़ा दूर मिली है जमीन

बता दें कि यूपी सरकार की ओर से अयोध्या के रौनाही में मस्जिद के लिए पांच एकड़ भूमि का आवंटन किया गया है. अयोध्या से लगभग 20 किमी. दूर रौनाही के धन्नीपुर  में ये जमीन दी गई है. धन्नीपुर गांव मुस्लिम बाहुल्य माना जाता है. उसके आस-पास 20 मस्जिद पहले से ही हैं. 

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मीटिंग का दो सदस्यों ने किया बहिष्कार
सुन्नी वक्फ की इस मीटिंग में आठ में से छह सदस्य ही हिस्सा लेने पहुंचे. बोर्ड के दो सदस्य अब्दुल रज्जाक और इमरान माबूद ने मीटिंग का बहिष्कार किया. उनका कहना है कि शरीयत मस्जिद के बदले कुछ भी लेने की इजाजत नहीं देती.
दिप्रिंट से बातचीत में बोर्ड के सदस्‍य अब्दुल रज़्ज़ाक ने कहा है कि शरीयत मस्जिद की जमीन के बदले जमीन नहीं लेनी देता है, फिर भी कुछ सदस्य अपने स्वार्थ में सरकार के साथ खड़े दिखना चाह रहे हैं. लेकिन वह इस जमीन को स्वीकार नहीं करेंगे. इससे बोर्ड के भीतर के मतभेद सामने आए हैं. जब बोर्ड के अध्यक्ष जुफर अहमद फारूकी से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो मीटिंग में हिस्सा लेने नहीं आए उन पर वह टिप्पणी नहीं करना चाहते.

अस्पताल की लंबे समय से थी मांग

बता दें कि धन्नीपुर में आवंटित जमीन पर मस्जिद के साथ चेरीटेबल अस्पताल व लाइब्रेरी की घोषणा से आस-पास के लोग खुश हैं. दिप्रिंट से बातचीत में धन्नीपुर निवासी मोहम्मद शादाब ने बताया कि वहां आसपास मस्जिद तो कई हैं लेकिन कोई अस्पताल व लाइब्रेरी नहीं है. ऐसे में अगर अस्पताल व लाइब्रेरी खुलती है तो इससे सभी धर्मों के लोगों का फायदा होगा. धन्नीपुर निवासी इसे नई उम्मीद के तौर पर देख रहे हैं.

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