नयी दिल्ली, नौ अप्रैल (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि लंबे समय से उपेक्षित रही परंपराएं और विरासत अब पुनर्जीवित हो गई हैं, अधिक भाषाओं को शास्त्रीय दर्जा प्राप्त है तथा भारतीय आदतों और प्रथाओं को नया प्रोत्साहन और गति मिल रही है।
जयशंकर ने कहा कि इसका सार यह है कि इंडिया आज पहले से ज्यादा भारत बन चुका है।
जयशंकर ने यहां आईसीसीआर की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) इस परिवर्तन को मान्यता देता है और मुझे पूरा विश्वास है कि यह इसे अपने भविष्य के कार्यों में शामिल करेगा।’’
आईसीसीआर विदेश मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ‘किसी भी संस्था के लिए 75 साल विकास और विस्तार का महत्वपूर्ण समय होता है…।’’ उन्होंने यह भी कहा कि यह समय और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, खासकर उस परिवेश को देखते हुए जिसमें ये संस्थाएं काम करती हैं।’
जयशंकर ने कहा, ‘इस अवधि में हमारा राष्ट्र और हमारा समाज काफी बदल गया है। आज हम अपनी पहचान व्यक्त करने और इसकी समझ को बढ़ावा देने के मामले में पहले की तुलना में अधिक आश्वस्त, प्रामाणिक और प्रतिबद्ध हैं।’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज देश में हमारी संस्कृति, विरासत और परंपराओं के प्रति जागरूकता काफी बढ़ गई है।
जयशंकर ने कहा, ‘वास्तव में हम अपनी परंपराओं के कई पहलुओं पर गर्व महसूस करते हैं, जो अब कई पहल और योजनाओं में दिख रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, हमारे पर्यटन को बढ़ावा देना और विश्व धरोहर स्थलों की संख्या में वृद्धि इनमें शामिल हैं।
भाषा योगेश अविनाश
अविनाश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.