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रविवार, 8 जून, 2025
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अटार्नी जनरल वेणुगोपाल ने प्रधान न्यायाधीश रमण की उपलब्धियों को उल्लेखनीय बताया

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नयी दिल्ली, 26 अगस्त (भाषा) महान्यायवादी (अटार्नी जनरल) के. के. वेणुगोपाल ने उच्चतर न्यायपालिका और न्यायाधिकरणों में रिक्त पदों को भरने में प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण के प्रयासों को उल्लेखनीय बताते हुए शुक्रवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय ने पहली बार उनके कार्यकाल में 34 न्यायाधीशों के साथ काम किया है।

उल्लेखनीय है कि शीर्ष न्यायालय में न्यायाधीशों के कुल मंजूर पदों की संख्या 34 है।

वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि उच्च न्यायालयों में 224 से अधिक रिक्तियों को भरा गया और मुझे लगता है कि न्यायाधिकरणों में 100 से अधिक सदस्यों की नियुक्ति की गयी।’’

प्रधान न्यायाधीश रमण इस दौरान सांकेतिक पीठ में, प्रधान न्यायाधीश-नामित न्यायमूर्ति यू. यू. ललित और न्यायमूर्ति हिमा कोहली के साथ बैठे हुए थे।

देश के शीर्ष विधि अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रधान न्यायाधीश के संदर्भ में देखें तो उनका वह दृढ़निश्चय असाधारण है जिसके साथ उन्होंने नियुक्तियों और रिक्त पदों को भरने की मंजूरी दी।’’

उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु को लेकर अतीत में आलोचनात्मक रुख रखने वाले वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति रमण से कहा, ‘‘ मैं आपके करियर में इस नयी शुरुआत के लिए शुभकामनाएं देता हूं और मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि यह भी उतना ही सार्थक और कारगर रहेगा, जिस तरह उच्चतम न्यायालय की पीठ में आपका कार्यकाल रहा।’’

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के सेवानिवृत्त होने की आयु 65 वर्ष है, जबकि उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं।

आंध्र प्रदेश में कृष्णा जिले के पूनावरम गांव में एक कृषि परिवार से ताल्लुक रखने वाले न्यायमूर्ति रमण ने 24 अप्रैल 2021 को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे का स्थान लिया था।

न्यायमूर्ति रमण 16 महीने से अधिक समय तक प्रधान न्यायाधीश के रूप में सेवाएं देने के बाद शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

भाषा वैभव सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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