मुंबई, दो फरवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक नितेश राणे ने बंबई उच्च न्यायालय में दायर अपनी जमानत याचिका बुधवार को वापस ले ली, क्योंकि वह पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करना चाहते हैं और हत्या की कोशिश के मामले की जांच में सहयोग करना चाहते हैं। राणे के वकील ने अदालत से यह जानकारी दी।
केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश राणे ने मंगलवार को उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इससे पहले, महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले की एक सत्र अदालत ने राणे की जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी थी और कहा था कि उन्हें हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ किया जाना आवश्यक है।
विधायक के वकील सतीश मानेशिंदे ने बुधवार को न्यायमूर्ति सी वी भडांग की एकल पीठ से कहा कि याचिकाकर्ता (नितेश) जमानत याचिका वापस लेना चाहते हैं।
मानेशिंदे ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता आत्मसमर्पण करना चाहते हैं और जांच में शामिल होना चाहते हैं। वह ऐसा इस तथ्य के बावजूद करना चाहते हैं कि याचिकाकर्ता के पास 27 जनवरी को उच्चतम न्यायालय द्वारा उन्हें दी गई गिरफ्तारी से सुरक्षा के पांच और दिन शेष हैं।’’
न्यायमूर्ति भडांग ने इस बयान को स्वीकार कर लिया और याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।
यह मामला दिसंबर 2021 में हुए सिंधुदुर्ग जिला सहकारी बैंक के चुनाव के प्रचार के दौरान शिवसेना के स्थानीय कार्यकर्ता संतोष परब पर हुए कथित हमले से संबंधित है।
उच्चतम न्यायालय ने पिछले 27 जनवरी को महाराष्ट्र पुलिस को राणे को सिंधुदुर्ग जिले में दर्ज हत्या के प्रयास के मामले में 10 दिन गिरफ्तार नहीं करने के निर्देश दिए थे।
शीर्ष अदालत ने नितेश राणे की अग्रिम जमानत याचिका का निस्तारण करते हुए उन्हें 10 दिन के भीतर निचली अदालत में समर्पण करने तथा नियमित जमानत के लिए याचिका दाखिल करने का निर्देश दिया था।
इससे पहले, बंबई उच्च न्यायालय ने 17 जनवरी को मामले में नितेश राणे को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। भाषा सिम्मी अनूप
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