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Saturday, 21 December, 2024
होमदेशऔर फिर दोहराया गया अतीक-अशरफ की हत्या का सीन, पत्रकारों का झुंड, 3 शूटर और जमीन पर गिरे दो लोग

और फिर दोहराया गया अतीक-अशरफ की हत्या का सीन, पत्रकारों का झुंड, 3 शूटर और जमीन पर गिरे दो लोग

माफिया अतीक अहमद और अशरफ के हत्याकांड के घटनाक्रम को समझने के लिए न्यायिक आयोग के सदस्यों के सामने उस हादसे का सीन री-क्रिएट किया जा रहा है. इस दौरान अधिकारी अहम दस्तावेज लेकर पहुंचे हैं.

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नई दिल्ली: स्थान – प्रयागराज का कॉल्विन अस्पताल, समय दोपहर 12- 12.30 का, अचानक पुलिस वालों की गश्त तेजी से बढ़ती है..दो लोग ठीक वैसे जैसे अतीक अहमद और अशरफ उस दिन लग रहे थे वैसे कार से लाए जाते हैं.. वहां पत्रकारों की तरह सवाल पूछने वालों का एक झुंड भी पहले से तैयार है जो पुलिस से घिरे अतीक और अशरफ की तरफ बढ़ता है..कि अचानक तीन लोग आते हैं और एक बार फिर वही सीन दोहराया जाता है जो 15 अप्रैल की रात लगभग 10.15 के बीच वहां हुआ था.. वो दोनों एक्टर जो सफेद कपड़े पहने हुए हैं वो जमीन पर गिर जाते हैं..

माफिया अतीक अहमद और अशरफ के हत्याकांड के घटनाक्रम को समझने के लिए न्यायिक आयोग के सदस्यों के सामने उस हादसे का सीन री-क्रिएट किया जा रहा है. इस दौरान अधिकारी अहम दस्तावेज लेकर पहुंचे हैं.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से घटना का मिलान किया जा रहा है. जांच अधिकारी नक्शे का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. घटनास्थल पर जांच में सहयोग के लिए उस समय घटना पर मौजूद एसएचओ और घायल सिपाही को भी बुलाया गया है.

हालांकि सीन क्रिएशन में सबकुछ वैसा होना संभव नहीं था. अतीक ने इस दिन जहां सफेद कुर्ता पजामा पहना ता वहीं अतीक के भाई अशरफ ने काली टी-शर्ट पहनी थी. इस दौरान समाचार एजेंसी द्वारा जारी की गई वीडियो में एक व्यक्ति को पूरी तरह से निर्देश दे रहा है. इसी बीच अतीक और अशरफ बने दोनों युवक जमीन पर गिर जाते हैं और तड़पने लगते हैं. ऐसा माना जा रहा है सीन रिक्रिएट करने से वारदात के हालात समझने में मदद मिलेगी.

बता दें कि एस नाट्कीय रूपांतरण के दौरान एसआईटी की टीम के साथ न्यायिक आयोग के सदस्य पूरी वारदात को दूर से देख रहे थे. इस दौरान अधिकारियों ने पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के साथ साथ जिन डॉक्टरों ने और लोगों ने उस वारदात को देखा था उनसे भी मिले.

गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात यहां एक मेडिकल कॉलेज के पास अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

गोलीबारी की घटना कैमरे में दर्ज हुई है क्योंकि मेडिकल जांच के लिए पुलिस द्वारा दोनों को अस्पताल ले जाने के दौरान मीडियाकर्मी उनके साथ चल रहे थे. कम से कम दो व्यक्तियों को अहमद और उसके भाई पर करीब से गोली चलाते हुए देखा गया, जो गोली लगने के बाद जमीन पर गिर गए. हालांकि, पुलिस ने जल्द हमलावरों को पकड़ लिया.

दोनों को 2005 के उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में सुनवाई के लिए यहां लाया गया था.


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