नई दिल्लीः माफिया से नेता बने अतीक अहमद को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज एमपी-एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को उमेश पाल अपहरण मामले में दोषी करार करते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है और उस पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अतीक अहमद को सात धाराओं में दोषी करार दिया गया है.
कोर्ट ने इस मामले में अतीक अहमद, दिनेश पासी और खान सौलत हनीफ को दोषी करार दिया था.अतीक अहमद के भाई अशरफ सहित अन्य सभी 7 अभियुक्तों को बरी कर दिया गया.
अतीक अहमद और दिनेश पासी को 147, 148, 149, 341, 342, 364अ, 120बी में दोषी करार दिया गया है, जबकि सौलत हनीफ को अन्य धाराओं के साथ 364 में दोषी करार दिया है.
बता दें कि उमेश पाल अपहरण केस के 17 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया है. पहली बार किसी मामले में अतीक अहमद को सजा हुई है.
प्रयागराज में एमपी-एमएलए कोर्ट में अतीक अहमद के वकील दया शंकर मिश्रा,’तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. उन्हें (उमेश पाल के परिवार को) एक-एक लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया गया है.’
यह पूछे जाने पर कि क्या वे उच्च न्यायालय में अपील करेंगे, उन्होंने कहा, “यह उच्च न्यायालय में किया जाएगा, यह कहीं और नहीं किया जा सकता है.”
पांच बार के विधायक और मामले के आरोपी अतीक अहमद को गुजरात से 24 घंटे से अधिक लंबी ड्राइव के बाद सोमवार को गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज की नैनी जेल लाया गया था.
अतीक अहमद 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में आरोपी है. राजू पाल हत्याकांड में मुख्य गवाह रहे उमेश पाल की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
अतीक अहमद, उमेश पाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी भी है. 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद 17 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था. 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी.
देवीलाल पाल और संदीप यादव भी मारे गए थे. राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल का 28 फरवरी 2006 को अपहरण कर लिया गया था.
अतीक अहमद ने धूमनगंज थाना क्षेत्र के फांसी इमली के पास एक लैंड क्रूजर वाहन से उमेश पाल का कथित तौर पर अपहरण कर लिया था. उसे अपने चकिया कार्यालय में रखकर मारपीट कर करंट लगा दिया.
अतीक ने 1 मार्च, 2006 को उमेश पाल से अपने पक्ष में एक लिखित बयान दिलवाया कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं था.
उमेश पाल ने 2007 में उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनने के बाद जुलाई 2007 में धूमनगंज थाने में अपहरण का मामला दर्ज कराया था.
पूर्व सांसद अतीक अहमद, अशरफ, दिनेश पासी, अंसार अहमद उर्फ अंसार बाबा, खान सोलत हनीफ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने अतीक अहमद, अशरफ दिनेश पासी, अंसार अहमद, सौलत हनीफ, जावेद, फरहान, इसरार, आबिद प्रधान, आशिक मल्ली और एजाज अख्तर को आरोपी बनाया है.
एक आरोपी अंसार अहमद की मौत हो गई. अतीक अहमद, अशरफ और फरहान जेल में हैं. बाकी आरोपी जमानत पर बाहर हैं.
2009 में, अदालत ने आरोपी पर आरोप तय किया और मामले की सुनवाई शुरू हुई.
इस मामले में 2016 में उमेश पाल को कोर्ट परिसर की चौथी मंजिल से गिराने का प्रयास किया गया था ताकि उसे वापस ले लिया जा सके.
अभियुक्तों की ओर से मामले की सुनवाई रोकने के लिए आवेदन दायर किए गए थे.
उमेश पाल ने मामले के जल्द निपटारे की मांग को लेकर हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई दो महीने में 16 मार्च 2023 तक पूरी करने का आदेश दिया.
अतीक के गुनाहों का चश्मदीद था उमेश
तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल 25 जनवरी, 2005 को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में चश्मदीद गवाह था. राजू पाल हत्याकांड मामले में अतीक अहमद आरोपी है. उमेश ने आरोप लगाया था कि जब उसने अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी, 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया था. अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच जुलाई, 2007 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. अदालत में पेश किए गए आरोप पत्र में 11 आरोपियों का जिक्र किया गया था.
उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पाल की पत्नी जया की शिकायत पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
फूलपुर से समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व सांसद अतीक अहमद को जून 2019 में गुजरात की साबरमती केंद्रीय जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था. उत्तर प्रदेश में जेल में रहने के दौरान रियल एस्टेट व्यवसायी मोहित जायसवाल के अपहरण और मारपीट का आरोप लगने के बाद अतीक को साबरमती जेल भेजा गया था.
दोनों भाइयों पर जेल में रहते हुए उमेश पाल की हत्या का षड्यंत्र रचने का आरोप है. वहीं, अतीक अहमद, उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामलों में नामजद है.
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