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Sunday, 22 December, 2024
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राफेल सौदा: सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट में फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदे जाने के मामले पर सुनवाई हुई.

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को फ्रांस से 36 राफेल लडाकू विमान खरीदे जाने के मामले पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने किया. शीष अदालत ने याचिकाकर्ताओं, सरकार और वायुसेना अधिकारियों का पक्ष विस्तार से सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर वायुसेना के अधिकारी को भी बयान के लिए कोर्ट में बुला लिया गया था. आपको बता दें कि केंद्र ने कीमत का जो ब्योरा सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपा हैं, कोर्ट उसकी भी जांच करने वाला है.

इससे पहले अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बहस में केंद्र की ओर से कोर्ट को सौंपे गए सीलबंद लिफाफे में केवल विमानों की कीमत बताने की जानकारी देते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच इस समझौते की जानकारी नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि इस सौदे की कीमतों के बारे में नहीं बल्कि इसके तकनीकी और रक्षा पहलू को लेकर जानकारी गोपनीय रखी गई है.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिककर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण के लिए उस समय थोड़ा असहज स्थिति पैदा हो गई, जब चीफ जस्टिस गोगोई ने एक नोट में दिए तथ्यों को लेकर उन्हें टोक दिया.

भूषण ने कोर्ट में एक दस्तावेज दाखिल किया था जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने एक गलती पकड़ते हुए कहा कि जल्दबाजी में वो गलत जानकारी न दें. इसके बाद भूषण ने स्वीकार किया कि जल्दबाजी में उनसे गलती हुई. भूषण ने कहा कि राफेल सौदा विमानों की पुरानी कीमतों के मुकाबले 40 प्रतिशत महंगे में हुई है.

इससे पहले सुनवाई की शुरुआत में याचिकाकर्ता वकील मनोहर लाल शर्मा ने कोर्ट से 5 जजों की बेंच बनाकर इस मामले में सुनवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार ने अदालत को जो सीलबंद लिफाफे सौंपे हैं उसके मुताबिक इस सौदे में भारी भ्रष्टाचार हुआ है.

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