लखनऊ: भदोही के जिला मजिस्ट्रेट विशाल सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले शिशिर सिंह की जगह ली और उन्हें सूचना एवं संस्कृति का नया निदेशक बनाया गया.
प्रशासनिक फेरबदल के ताज़ा दौर में कुल मिलाकर 11 जिलों के जिलाधिकारियों समेत 33 आईएएस अधिकारियों और तीन आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया.
शिशिर सिंह का तबादला नौकरशाही हलकों में कई लोगों के लिए चौंकाने वाला था, क्योंकि उन्होंने पांच साल से अधिक समय तक विभाग में काम किया था, जो यूपी में किसी भी सूचना निदेशक का सबसे लंबा कार्यकाल था. उन्हें एमएसएमई का विशेष सचिव बनाया गया था.
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के वरिष्ठ पदाधिकारियों का दावा है कि सिंह पहले ही पांच साल पूरे कर चुके हैं और सीएम अन्य अधिकारियों को मौका देना चाहते थे, वहीं भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों ने खुलासा किया कि 2024 के आम चुनावों में झटके के बाद पार्टी की राज्य इकाई द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में भी तबादले की सिफारिश की गई थी.
उस रिपोर्ट में बीजेपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, पार्टी पदाधिकारियों ने कई प्रमुख अधिकारियों के बारे में फीडबैक दिया था जो उनकी बात नहीं सुनते थे.
पदाधिकारी ने कहा, “बाद में कैबिनेट मंत्री (आशीष पटेल) ने भी कुछ अधिकारियों पर आरोप लगाए और अपने बयानों में शिशिर सिंह को भी शामिल किया. इसलिए, केंद्रीय नेतृत्व की ओर से भी मुख्यमंत्री पर दबाव बढ़ रहा था.”
विशाल सिंह इससे पहले 2020 से 2024 के बीच अयोध्या विकास प्राधिकरण (ADA) के उपाध्यक्ष और अयोध्या के नगर आयुक्त के रूप में काम कर चुके हैं, यह अवधि राम मंदिर और अन्य परियोजना पहलों के साथ मेल खाती है.
इससे पहले सिंह वाराणसी विकास प्राधिकरण के सचिव और काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ थे. वाराणसी में उनके कार्यकाल के दौरान ही 2019 में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का कायाकल्प शुरू हुआ था.
आने वाले सूचना निदेशक के बारे में कहा जाता है कि वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों के भरोसेमंद हैं. 2016 में, जब वे यूपी में प्रांतीय सिविल सेवा (PCS) के अधिकारी थे, तब सिविल सेवक को केंद्र में लाया गया और मोदी सरकार की सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GEM) परियोजना का प्रोजेक्ट डायरेक्टर तैनात किया गया. बाद में उन्हें प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में तैनात कर दिया गया.
यूपी सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पीएम मोदी ने काशी कॉरिडोर के कायाकल्प के लिए सिंह की प्रशंसा की थी और उन्हें जल्द ही एक अन्य महत्वपूर्ण कार्य के लिए अयोध्या स्थानांतरित कर दिया गया. हालांकि, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें भदोही स्थानांतरित कर दिया गया था.
जिलाधिकारी श्री @VishalSinghIAS जी ने माननीय मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी को भदोही के बुनकर द्वारा बनायी गई “मुख्यमंत्री जी के चित्र कालीन” को सप्रेम भेंट किया। pic.twitter.com/FimjOTWYaJ
— District Magistrate Bhadohi (@DM_Bhadohi) January 5, 2025
कुछ हफ्ते पहले भदोही के डीएम ने तब सुर्खियां बटोरी थीं जब उन्होंने सीएम को कालीन पर अपनी तस्वीर बनाकर भेंट की थी. इस घटना के बाद आईएएस हलकों में इस बात को लेकर कानाफूसी शुरू हो गई थी कि एक अधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री को अपनी तस्वीर भेंट करना कितना सही है.
वाराणसी में महत्वपूर्ण बदलाव
उल्लेखनीय बदलावों में वाराणसी के मौजूदा डीएम एस राजलिंगम को पदोन्नत कर वाराणसी मंडलायुक्त बनाया गया है. मुख्यमंत्री के विशेष सचिव सत्येंद्र कुमार को वाराणसी का नया डीएम बनाया गया है. वाराणसी मंडलायुक्त के पद पर कार्यरत कौशल राज शर्मा को अब सीएम का सचिव बनाया गया है.
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, सत्येंद्र ने अपने कार्यालय में योगी का विश्वास हासिल कर लिया है और अब सीएम ने उन्हें वाराणसी जैसे महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुना है. उन्होंने बताया कि राजलिंगम और शर्मा ने उन भाजपा पदाधिकारियों का विश्वास हासिल कर लिया है जो पीएम के निर्वाचन क्षेत्र की देखभाल करते हैं.
आजमगढ़, हापुड़, बरेली, आंबेडकर नगर, गाजीपुर, झांसी, कुशीनगर, महोबा, भदोही और संत कबीर नगर जैसे प्रमुख जिलों के जिलाधिकारियों (डीएम) को बदल दिया गया है.
हापुड़ की डीएम प्रेरणा शर्मा को राज्य नगरीय विकास अभिकरण का निदेशक बनाया गया है और प्रमुख सचिव (स्टांप एवं पंजीयन) अमित गुप्ता ने प्रमुख सचिव परिवहन और उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के अध्यक्ष का पदभार संभाला है.
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी डी.के.ठाकुर को विशेष सुरक्षा बल (एसएसएफ), लखनऊ का अपर महानिदेशक (एडीजी) नियुक्त किया गया है, जबकि भानु भास्कर को मेरठ जोन का एडीजी और संजीव गुप्ता को प्रयागराज जोन का एडीजी बनाया गया है.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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