(मोहित सैनी)
नयी दिल्ली, 13 फरवरी (भाषा) एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी (एएसयू) अध्यक्ष माइकल एम. क्रो ने कहा कि एएसयू विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी के माध्यम से भारत में अपनी उपस्थिति को मजबूत कर रही है और यहां एक उन्नत, एआई-संवर्धित ‘एजेंटिक’ विश्वविद्यालय स्थापित करने की संभावना तलाश रही है।
क्रो ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि एएसयू ने पहले ही पांच भारतीय विश्वविद्यालयों – चितकारा विश्वविद्यालय (पंजाब), शिव नादर विश्वविद्यालय (ग्रेटर नोएडा), अनुराग विश्वविद्यालय (हैदराबाद), आरवी विश्वविद्यालय (बेंगलुरु) और राजलक्ष्मी इंजीनियरिंग कॉलेज (चेन्नई) के साथ साझेदारी की है।
क्रो यहां दो भारतीय संस्थानों के साथ एएसयू की साझेदारी की घोषणा के लिए आए थे।
उन्होंने कहा कि एएसयू का उद्देश्य 10 संस्थाओं के साथ मिलकर इस नेटवर्क का विस्तार करना है ताकि भारतीय विद्यार्थियों के लिए दो डिग्री वाले कार्यक्रम और अध्ययन के उन्नत डिजिटल संसाधन उपलब्ध हो सके।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य भारत में छात्रों को एएसयू के ‘डिजिटल लर्निंग रिपोजिटरी’ के माध्यम से अमेरिकी और भारतीय शैक्षणिक पद्धतियों से एक साथ परिचित कराना है। आखिरकार, इनमें से कई छात्रों को अमेरिका जाकर एएसयू में दोहरे डिग्री कार्यक्रम को पूरा करने का अवसर मिलेगा।’’
भारत की नई शिक्षा नीति और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के संशोधित मानदंडों (जो विदेशी विश्वविद्यालयों को देश में परिसर स्थापित करने की अनुमति देते हैं) का उल्लेख करते हुए क्रो ने कहा, ‘‘हम भारत में एक नया, अत्याधुनिक, एआई-संवर्धित ‘एजेंटिक’ विश्वविद्यालय बनाने की संभावना तलाश रहे हैं। यह पिछले 15 वर्षों में एएसयू द्वारा विकसित उन्नत शैक्षिक तकनीकों का लाभ प्रदान करेगा।’’
हालांकि, एएसयू ने अभी तक एक पूर्ण-विकसित खुद के परिसर की स्थापना की पुष्टि नहीं की है, लेकिन क्रो ने नवाचार और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने वाली शिक्षा के माध्यम से भारत में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
क्रो के अनुसार, एएसयू के अमेरिका स्थित परिसर में लगभग 7,000 भारतीय विद्यार्थी हैं और भारत अंतरराष्ट्रीय छात्रों का सबसे बड़ा स्रोत है, जबकि भारत में एएसयू से संबद्ध केंद्रों में हजारों विद्यार्थी नामांकित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत में हमारे सहयोगी केंद्रों में नामांकित विद्यार्थियों की संख्या हजारों में है, जबकि अमेरिका स्थित एएसयू में 7000 भारतीय छात्र नामांकित हैं।’’
क्रो ने भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते संबंधों के प्रति एएसयू के विश्वास की पुष्टि की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शिक्षा और प्रौद्योगिकी-संचालित विकास पर ध्यान केंद्रित करने का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के रूप में, भारत और अमेरिका शिक्षा और नवाचार में नैसर्गिक साझेदार हैं। सहयोग को मजबूत करके, हम दोनों देशों की प्रगति को बढ़ा सकते हैं।’’
भाषा संतोष पवनेश
पवनेश
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