इंफाल, 27 मई (भाषा) मेइती समूहों की संस्था ‘कॉर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी’ (कोकोमी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को गृह मंत्रालय के अधिकारियों को नार्को-आतंकवाद, अवैध आव्रजन, बड़े पैमाने पर अवैध अफीम की खेती और राज्य में ‘बिगड़ती’ कानून व्यवस्था की स्थिति से उत्पन्न खतरों के बारे में अपनी चिंता से अवगत कराया।
कोकोमी के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बातचीत की।
कोकोमी के सूचना एवं जनसंपर्क संयोजक लाईखुराम जयंत ने एक बयान में कहा कि ‘‘राज्य में संकट पर आज उनके सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक बैठक हुई।’’
उसने कहा, ‘‘गृह मंत्रालय का प्रतिनिधित्व पूर्वोत्तर मामलों के सलाहकार ए. के. मिश्रा और गृह मंत्रालय के संयुक्त निदेशक राजेश कांबले ने किया। दो घंटे तक चली बैठक में मणिपुर में जारी संकट से जुड़ी प्रमुख चिंताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चर्चा के प्रमुख बिंदुओं में इस साल 3 मई को पीपुल्स कन्वेंशन में अपनाए गए प्रस्ताव शामिल हैं।’’
कोकोमी ने गृह मंत्रालय से जनता की इच्छा को स्वीकार करने और सरकार के उच्च स्तर तक औपचारिक रूप से प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया।
संगठन ने ‘‘नार्को आतंकवाद, बड़े पैमाने पर अवैध अफीम की खेती सहित सीमा पार से अवैध आव्रजन, जंगलों पर बढ़ते अतिक्रमण और बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति से उत्पन्न बढ़ते खतरों पर गहरी चिंता व्यक्त की।’’
प्रतिनिधिमंडल ने रेखांकित किया कि इन अवैध गतिविधियों से होने वाली आय का उपयोग विदेशी व्यक्तियों के नेतृत्व वाले सशस्त्र समूहों को वित्तपोषित करने के लिए किया जा रहा है।
प्रतिनिधिमंडल ने सरकारी बस से राज्य का नाम हटाए जाने की घटना के संबंध में लोगों की भावनाओं और मांगों से गृह मंत्रालय के अधिकारियों को अवगत कराया, जिस पर अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि मामले को आवश्यक सरकारी कार्रवाई के लिए संज्ञान में ले लिया गया है।
दोनों पक्षों ने जल्द से जल्द मणिपुर में शांति और स्थिरता बहाल करने के साझा लक्ष्य के साथ भविष्य में संचार बनाए रखने और बातचीत जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।
भाषा वैभव अमित
अमित
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.