जोधपुर, चार सितंबर (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर के एक सहायक प्रोफेसर को विभागीय बैठक के दौरान संस्थान के निदेशक के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार और मारपीट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
शिक्षक को जमानत पर रिहा कर दिया गया है। हालांकि, बाद में शाम को आईआईटी प्रशासन ने शिक्षक को निलंबित कर दिया।
बुधवार सुबह बैठक के दौरान निदेशक अविनाश कुमार अग्रवाल और सहायक प्रोफेसर दीपक कुमार अरोड़ा (केमिकल इंजीनियरिंग) के बीच विवाद हो गया। इसके बाद दोनों के बीच तीखी बहस हुई। यह बहस जल्द ही हिंसक हो गई और अरोड़ा ने अग्रवाल पर हमला कर दिया। इस घटना में दोनों घायल हो गए।
थाना प्रभारी (करवाड़) लेखराज सियाग ने बताया कि निदेशक और प्रोफेसर दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई हैं और जांच शुरू कर दी गई है।
सियाग ने बताया, ‘रजिस्ट्रार अंकुर गुप्ता ने निदेशक अविनाश कुमार अग्रवाल की ओर से सहायक प्रोफेसर दीपक कुमार अरोड़ा के खिलाफ मारपीट, सरकारी काम में बाधा डालने और जातिसूचक अपशब्द कहने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में कहा गया है कि अरोड़ा ने निदेशक अग्रवाल पर हमला किया, जिससे उनके पैर में चोट आई है।’
दूसरी ओर, अरोड़ा ने भी निदेशक और उनके सहयोगियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसमें उन पर गलत तरीके से बंधक बनाने, सरकारी कर्तव्यों में बाधा डालने और मारपीट का आरोप लगाया गया।
सूत्रों के अनुसार, जब निदेशक कार्यालय के कर्मचारियों ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, तो अरोड़ा ने एक कर्मचारी के साथ भी मारपीट की, जिससे उसके हाथ में चोट आई।
अरोड़ा ने निदेशक को कथित तौर पर जातिसूचक अपशब्द कहे और उन्हें और उनके परिवार को खत्म करने की धमकी दी।
सूत्रों ने बताया कि अरोड़ा उस समय भड़क गए जब निदेशक ने पिछले पांच वर्षों में उनके विभाग के खराब प्रदर्शन की शिकायत की।
हालांकि, अरोड़ा ने उनका विरोध करते हुए कहा कि संस्थान के निदेशक के रूप में उनके कार्यभार संभालने के बाद से आईआईटी ने भी कोई उपलब्धि हासिल नहीं की है।
भाषा जोहेब वैभव
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