पटना, 25 मार्च (भाषा) जातीय जनगणना के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुक्रवार को भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (जो सदन में मौजूद नहीं थे) द्वारा एक तारांकित प्रश्न के माध्यम उक्त मामला उठाए जाने पर अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा अगले सूचीबद्ध प्रश्न की ओर बढ़ गए, जिसका राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और वामपंथी दल के सदस्यों ने विरोध किया।
विपक्ष के सदस्यों ने यादव के सवालों पर सरकार से बयान देने और राज्य में जातीय जनगणना के लिए प्रस्तावित समयसीमा और उसके लिए बजटीय आवंटन स्पष्ट करने की मांग की।
विपक्षी सदस्य हंगामा करते हुए सदन के वेशम में चले आए, जिस कारण कार्यवाही 11.30 बजे तक के लिए स्थगित की गयी। सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर राजद और वामपंथी विधायकों ने ‘‘सौ में नब्बे शोषित हैं, नब्बे भाग हमारा है’’ जैसे नारे लगाए जिसके बाद अध्यक्ष ने एक बार फिर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
राजद विधायक और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र तथा वाम दलों के विधायकों ने बाद में पत्रकारों के साथ बातचीत में आरोप लगाया कि सरकार जातीय जनगणना कराने को लेकर अब टाल-मटोल का रवैया अपना रही है।
बिहार विधानमंडल ने जाति जनगणना के समर्थन में दो बार आम सहमति से प्रस्ताव पारित किए हैं।
पिछले साल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने इस मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी।
भाषा अनवर अर्पणा
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