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गुरूवार, 12 जून, 2025
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जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव का ऐलान, आदर्श आचार संहिता लागू

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श्रीनगर, 16 अगस्त (भाषा) जम्मू कश्मीर विधानसभा के लिए चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा के साथ ही केंद्रशासित प्रदेश में शुक्रवार से आदर्श आचार संहिता लागू हो गयी। अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया, ‘‘निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गयी है। आदर्श आचार संहिता के सभी प्रावधान जम्मू-कश्मीर पर लागू होंगे, जिसमें सभी उम्मीदवार, राजनीतिक दल और केंद्र शासित प्रदेश की सरकार शामिल हैं।’’

उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित किसी भी घोषणा या नीतिगत निर्णय के संबंध में आदर्श आचार संहिता केंद्र सरकार पर भी लागू होगी।

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद, आयोग ने जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और मुख्य सचिव को आदर्श आचार संहिता लागू करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

इन निर्देशों में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, सरकारी वाहन का दुरुपयोग करने और सरकारी खजाने की कीमत पर विज्ञापन लगाने के मामले में तत्काल कार्रवाई शामिल है।

निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर से तीन चरणों में विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा की। इससे 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किये जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश के लोगों के लिए सरकार चुनने का मंच तैयार हो गया है।

इन चुनावों में पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी पहली बार मतदान करेंगे।

चुनावों की खातिर रणनीति बनाने के लिए समुदाय के सदस्यों की एक बैठक अगले सप्ताह निर्धारित है। यह उन शरणार्थियों के लिए ऐतिहासिक क्षण है, जो लंबे समय से विधानसभा चुनाव में मतदान के अधिकार का इंतजार कर रहे थे।

यह बैठक 20 अगस्त या 22 अगस्त को होने की उम्मीद है, जिसमें जम्मू क्षेत्र से करीब 200 प्रतिनिधि शामिल होंगे।

यह पहला मौका है जब पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों के साथ-साथ वाल्मीकि समाज के सदस्यों को जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों में मतदान करने का अवसर मिलेगा।

पाकिस्तानी शरणार्थी एक्शन कमेटी के अध्यक्ष लाबा राम गांधी ने चुनावों को लेकर उत्साह जताया। उन्होंने कहा, ‘हम सात दशक से अधिक समय से यहां हैं लेकिन यह पहला मौका है जब हम विधानसभा चुनावों में भाग लेंगे।’

यह समुदाय हाल तक केवल लोकसभा चुनावों में ही वोट देने का पात्र था। इसमें मुख्य रूप से हिंदू और सिख शामिल हैं, जो 1947 में पाकिस्तान से भारत आये थे।

भाषा रंजन अविनाश

अविनाश

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यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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