scorecardresearch
Monday, 6 May, 2024
होमदेशकेरल में जवान के साथ मारपीट, पीठ पर लिखा PFI, पुलिस ने दावों को बताया ‘मनगढ़ंत’

केरल में जवान के साथ मारपीट, पीठ पर लिखा PFI, पुलिस ने दावों को बताया ‘मनगढ़ंत’

शाइन कुमार ने दावा किया था कि रविवार को छह लोगों के एक समूह ने उनकी पिटाई करने से पहले उनका मुंह पर टेप चिपका दी और उनके हाथ बांध दिए थे.

Text Size:

नई दिल्ली: केरल के कोल्लम जिले में सेना के एक जवान और उसके दोस्त को कथित तौर पर हमला करने के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार किया गया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अज्ञात बदमाशों ने उनके हाथ बांध दिए थे और उनकी पीठ पर हरे रंग से ‘पीएफआई’ लिख दिया था.

जवान शाइन कुमार ने कोल्लम ग्रामीण पुलिस को बताया था कि रविवार को कडक्कल में छह लोगों ने उनके साथ मारपीट की और उनकी पीठ पर प्रतिबंधित संगठन ‘पीएफआई’ (पीएफआई प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) का नाम लिख दिया था.

जवान ने दावा किया था कि छह लोगों के समूह द्वारा पिटाई से पहले उनके मुंह पर टेप चिपका दी गई और उनके हाथ बांध दिए गए थे.

इससे पहले दिन में अतिरिक्त एसपी, कोल्लम ग्रामीण, आर प्रतापन नायर ने मीडिया को बताया कि जवान सेना से “उपयुक्त पोस्टिंग” के लिए “राष्ट्र का ध्यान अपनी ओर करने” के उद्देश्य से इस घटना का उपयोग करना चाहता था.

नायर ने दिप्रिंट को बताया कि अब तक की जांच में पुलिस ने पाया कि न तो उस कथित हमले में छह लोग शामिल थे और न ही उस इलाके में रहने वाला कोई पीएफआई सदस्य था, जहां यह कथित हमला हुआ था.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

उन्होंने कहा, कुमार ने प्रसिद्धि पाने के लिए अपने दोस्त के साथ मिलकर साजिश रची थी.

मित्र के आवास पर पुलिस ने मैस्टिक टेप और एक ब्रश जब्त किया, जिसका उपयोग पीठ पर लिखने के लिए किया जा सकता था.

नायर ने कहा, “उस इलाके में पीएफआई के कोई लोग नहीं थे. वहां कोई छह लोग नहीं थे. यह पूरी तरह से मनगढ़ंत शिकायत है जो पुलिस और मीडिया को गुमराह करने के लिए की गई है.”

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि कुमार और उनके दोस्त दोनों इस हमले को अंजाम देने के पीछे के कारण के बारे में विभिन्न बयान दे रहे हैं.

कुमार और उनके दोस्त को आईपीसी की धारा 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत गिरफ्तार किया गया था.

(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: कनाडा अपने निरंकुश मानवाधिकार मूल्यों से अंधा हो गया है, सिख कट्टरपंथी इसका प्रतिकार करेंगे


 

share & View comments