गुवाहाटी, 21 फरवरी (भाषा) असम के नगांव जिले में कांग्रेस सांसद रकीबुल हुसैन और उनके निजी सुरक्षा अधिकारियों (पीएसओ) पर अज्ञात लोगों द्वारा हमला किए जाने के एक दिन बाद पार्टी ने शुक्रवार को राज्य सरकार की आलोचना की और कहा कि यह ‘लोकतंत्र की हत्या’ है और विपक्षी दल प्रदेश में ‘जंगल राज और गुंडा राज’ को कायम नहीं रहने देगा।
कांग्रेस विधायकों ने हाथों में तख्तियां लेकर असम विधानसभा परिसर में विरोध मार्च निकाला और दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया ने संवाददाताओं से कहा, “पुलिस ने पूर्व सूचना होने के बावजूद उचित सुरक्षा व्यवस्था नहीं की। उस इलाके में पहले भी इसी तरह की हिंसा हुई थी। यह लोकतंत्र की हत्या और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराने का प्रयास है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि असम सरकार ने एक तरह से जनप्रतिनिधियों की आवाजाही को रोकने की कोशिश की ताकि जमीनी स्तर पर जनमत न बन सके। सैकिया ने कहा, “मुख्यमंत्री का यह बयान कि अगली बार जब रकीबुल हुसैन सामगुरी और रूपाहीहाट आएंगे तो उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराएंगे, बेहद असंवेदनशील है। उन्होंने इस घटना पर कोई दुख व्यक्त नहीं किया और न ही जांच के आदेश दिए हैं।”
उन्होंने दावा किया कि यह हमला कांग्रेस पार्टी के खिलाफ एक ‘सुनियोजित साजिश’ थी और ऐसी घटनाएं अगले एक वर्ष यानी 2026 में असम विधानसभा चुनाव तक जारी रहने की आशंका है।
धुबरी लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस सांसद हुसैन और उनके पीएसओ पर बृहस्पतिवार को नगांव जिले के रूपाहीहाट इलाके में ‘रकीबुल हुसैन वापस जाओ’ के नारे लगाते हुए नकाबपोश बदमाशों ने हमला कर दिया।
सांसद को क्रिकेट का बल्ला मारा गया लेकिन वे सुरक्षित बच गए। हालांकि, उनके दो पीएसओ को मामूली चोटें आईं।
कांग्रेस विधायक जाकिर हुसैन सिकदर ने कहा, “गृह विभाग और असम पुलिस पूरी तरह विफल रही है। सभी ने देखा कि दिनदहाड़े किसने हमला किया, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।”
उन्होंने कहा, “जब तक दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, हमारा विरोध जारी रहेगा। असम के मुख्यमंत्री को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और जवाब देना चाहिए। हम असम में जंगल राज और गुंडा राज नहीं फैलने देंगे।”
भाजपा विरोधी 15 से अधिक दलों के विपक्षी गुट असम सोनमिलिटो मोर्चा (एएसओएम) ने इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे राज्य में ‘खतरनाक भविष्य’ की चेतावनी बताया।
भाषा जितेंद्र मनीषा
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