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Friday, 29 March, 2024
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11,000 कलाकार, एक स्टेडियम- सबसे बड़े बिहू नृत्य के लिए गिनीज रिकॉर्ड पर असम की निगाहें

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा बिहू को बढ़ावा देने और पूर्वोत्तर राज्य में पर्यटकों को आकर्षित करने के अपने प्रयासों के तहत एक रिकॉर्ड बनाने का प्रयास कर रहे है.

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गुवाहाटी: असम अगले महीने के रोंगाली बिहू उत्सव के दौरान विश्व का सबसे बड़ा बिहू नृत्य आयोजित करके गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराने के प्रयासों को साकार करने में लगा हुआ है. इसके लिए सभी 31 जिलों में नृतकों के लिए कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जाएगा.

14 अप्रैल को बोहाग या रोंगाली बिहू उत्सव के पहले दिन 11 हजार से ज्यादा लोक नर्तक और संगीतकार एक घंटे के प्रदर्शन के लिए गुवाहाटी के सुरसजाई स्टेडियम में इकट्ठा होंगे.

ये कलाकार पूरे असम से गुवाहाटी आएंगे. इनके लिए रहने और खाने की पर्याप्त सुविधाओं की व्यवस्था करने की भी तैयारियां की जा रही हैं.

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की पहल पर असम सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की उम्मीद है. प्रत्येक राज्य के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को भी निमंत्रण दिया जाएगा.

पारंपरिक लोक नृत्य के सबसे बड़े प्रदर्शन का रिकॉर्ड बनाने का पूर्वोत्तर राज्य का यह दूसरा प्रयास है. इससे पहले नागालैंड ने 5 अप्रैल 2019 को 4,687 कलाकारों के साथ मोन टाउन में कोन्याक का प्रदर्शन करते हुए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपनी जगह बनाई थी.

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मंगलवार को दिसपुर में प्रेस को संबोधित करते हुए सरमा ने कहा कि स्टेडियम में प्रदर्शन कर रहे बिहू नर्तकों का एक वीडियो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अधिकारियों को आवेदन प्रक्रिया के हिस्से के रूप में भेजा गया था. इसके बाद आगे के इंस्पेक्शन के लिए राज्य को ‘प्रारंभिक मंजूरी’ दी गई.

सरमा ने कहा. ‘हम बिहू को लोकप्रिय बनाना चाहते हैं और इसे विश्व स्तर पर ले जाना चाहते हैं. कुल 11,140 नर्तक रिकॉर्ड प्रयास में भाग लेंगे, जिसमें ‘बिहुवा’ और ‘बिहुवती’ (असमिया पुरुष और महिलाएं बिहू प्रदर्शन करने के लिए पारंपरिक मुगा पोशाक पहने हुए हैं) शामिल हैं.’

रोंगाली बिहू वसंत की शुरुआत का प्रतीक है.

पूरे असमिया कैलेंडर वर्ष में मनाए जाने वाले तीन बिहुओं में से सप्ताह भर चलने वाला रोंगाली बिहू मस्ती और परंपराओं के बारे में है. बोहाग असमिया वर्ष के पहले महीने को संदर्भित करता है. दो अन्य भोगली या माघ बिहू (मध्य जनवरी) और कटि या कोंगाली बिहू (अक्टूबर) हैं.


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बड़े दिन की तैयारी

मुख्यमंत्री द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मुख्य इवेंट की तैयारियों में गुवाहाटी के श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में बिहू के ‘मास्टर ट्रेनर्स’ की एक कार्यशाला चलाई जा रही है.

बुधवार को एक ड्रेस रिहर्सल आयोजित की जाएगी, इसके बाद विशेषज्ञ बिहू नर्तकों और लोक संगीतकारों के लिए आयोजित की जाने वाली कार्यशालाओं के लिए अपने गांव लौट आएंगे. इन कार्यशालाओं का समापन 8 अप्रैल को होगा.

हर जिले में लगभग 50 बिहू नर्तकों या मास्टर ट्रेनरों के समूह द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन कार्यशालाओं में 15 से 35 साल की उम्र के कलाकार भाग लेंगे.

8 अप्रैल को ट्रेनिंग खत्म हो जाने के बाद सभी प्रतिभागी गुवाहाटी में एक जगह इकट्ठा होंगे और वहां 9-12 अप्रैल तक ड्रेस रिहर्सल की जाएगी. मैन इवेंट से एक दिन पहले सभी कलाकारों को आराम दिया जाएगा.

महिला और पुरुष कलाकार 70:30 के अनुपात में होंगे. ब्रह्मपुत्र घाटी के अन्य हिस्सों में डिब्रूगढ़ से 14,00, गोलाघाट से 1,000, सोनितपुर से 1,100 और शिवसागर और जोरहाट जिलों से 800-800 कलाकार शामिल होंगे. बराक घाटी के कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों से 20-20 प्रतिभागियों का एक समूह आएगा. आठ सौ प्रतिभागी कामरूप मेट्रो जिले से हैं, जिसका मुख्यालय गुवाहाटी में है.

गुवाहाटी में दिप्रिंट से बात करते हुए कामरूप (मेट्रो) के उपायुक्त पल्लव गोपाल झा ने कहा कि प्रशासन शहर में लगभग 10,000 लोगों के रहने की व्यवस्था के साथ-साथ एक सफल आयोजन के लिए सभी जिम्मेदारियों को पूरा करेगा.

झा ने कहा, ‘हम प्रतिभागियों के रहने, खाने और रोजाना की अन्य जरूरतों के लिए शैक्षिक-संस्थानों के होस्टल, सामुदायिक आवास केंद्रों, सरकारी अतिथि गृहों और होटलों आदि के संपर्क में हैं.’

उन्होंने आगे बताया, ‘हम कलाकारों के साथ आने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भी रहने की व्यवस्था करेंगे. योजना अंतिम चरण में है और जल्द ही इसे सरकार और आवास समिति के सामने पेश कर दिया जाएगा.’

ट्रेनिंग और रिहर्सल से लेकर प्रदर्शन वाले दिन तक, हर नर्तक और संगीतकार को भागीदारी के लिए टोकन राशि के रूप में 10,500 रुपये दिए जाएंगे. वर्कशॉप के दौरान हर कलाकार को ट्रेवल एक्सपेंस के लिए 300 रुपये मिलेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि भोजन के लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी.

सरकार ने अपने निर्धारित ड्रेस कोड यानी पारंपरिक परिधानों को खरीदने में मदद करने के लिए प्रत्येक नर्तक को 3,000 रुपये अलग से देने की बात कही है. इसके अलावा गुवाहाटी पहुंचने पर उन्हें अपने रोजमर्रा के खर्चेों के लिए 1,000 रुपये दिए जाएंगे.

राज्य सरकार हर प्रतिभागी का नाम एक वेब पोर्टल पर दर्ज करेगी ताकि गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा उपलब्धि को मान्यता मिलने पर वे उपलब्धि का प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकें.

बिहू का प्रचार

रोंगाली बिहू को बढ़ावा देने के प्रयासों को लेकर सरमा ने यह भी कहा है कि 2024 से राज्य नागालैंड के प्रसिद्ध हॉर्नबिल उत्सव की तर्ज पर सात दिवसीय बिहू उत्सव की मेजबानी करेगा.

यह गुवाहाटी के सुरसजाई स्टेडियम और ऊपरी असम के शिवसागर जिले के रंग घर में आयोजित किया जाएगा, जो अहोम साम्राज्य की पूर्ववर्ती राजधानी थी.

रंग घर 17वीं शताब्दी का एक खेल मंडप है, जिसे अहोम राजा स्वर्ग देव रुद्र सिंहा के शासनकाल के दौरान बनाया गया था. रंग घर से ही अहोम राजघराने और अमीर लोग विभिन्न प्रकार के खेल और पारंपरिक कार्यक्रम देखते थे.

उन्होंने कहा, ‘हम रोंगाली बिहू उत्सव के जरिए असम में ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने की उम्मीद कर रहे हैं.’

(अनुवादः संघप्रिया | संपादनः आशा शाह )

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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