गुवाहाटी, 31 जुलाई (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार लोगों को स्वयं सहायता समूहों या उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) से राष्ट्रीय ध्वज खरीदने के लिए प्रोत्साहित करके ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को ‘जन आंदोलन’ में तब्दील करने की कोशिश कर रही है।
सरमा ने कहा कि उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से रियायती दरों पर तिरंगे की आपूर्ति की जा रही है, हालांकि, ‘‘जो लोग इसे खरीदने में समर्थ हैं, उन्हें इसे स्वयं सहायता समूहों से खरीदना चाहिए’’, क्योंकि इससे उनकी कमाई में इजाफा होगा।
सरमा ने यहां प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सरकार ने मुफ्त में राष्ट्रीय ध्वज उपलब्ध कराने से परहेज किया है। हम ‘हर घर तिरंगा’ को एक जन आंदोलन बनाना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा कि जो लोग स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) या अन्य दुकानों से तिरंगा नहीं खरीद सकते, वे इसे उचित मूल्य की दुकानों से 18 रुपये में प्राप्त कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सरकार ने कपड़ा मंत्रालय से 50 लाख झंडे खरीदे हैं और इन्हें उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से लोगों को उपलब्ध करा रही है। स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए जा रहे झंडे थोड़े महंगे हैं। केवल वे लोग जो एसएचजी से खरीदारी नहीं कर सकते, वे उन्हें उचित मूल्य की दुकानों से प्राप्त कर सकते हैं।’’
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शफीक दिलीप
दिलीप
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