गुवाहाटी, 20 अगस्त (भाषा) असम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने मंगलवार को कहा कि उल्फा (आई) द्वारा ‘आईईडी जैसी’ वस्तुएं लगाने से संबंधित 10 मामलों में से दो को जांच के लिए राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंप दिया जाएगा।
असम पुलिस ने उन 10 जिलों में कई एसआईटी गठित कर दी है, जहां ‘‘बम जैसे वस्तुएं’’ पाई गई थीं। प्रतिबंधित संगठन उल्फा (आई) ने दावा किया था कि उसने स्वतंत्रता दिवस पर राज्य भर में सिलसिलेवार विस्फोट करने के लिए 24 स्थानों पर विस्फोटक लगाए।
सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम गुवाहाटी और लखीमपुर के एक-एक मामले को एनआईए को सौंपने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, ताकि हम संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग कर सकें और इस पूरे मामले की तह तक पहुंचने के लिए संघीय एजेंसी के साथ मिलकर काम कर सकें।’’
डीजीपी ने यह भी कहा कि मामले में कथित संलिप्तता के लिए शिवसागर जिले से चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘सभी मामलों में प्रगति हुई है। शिवसागर में हमने चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक व्यक्ति आईईडी रखने वाले संदिग्ध समूह का हिस्सा था। हमें उम्मीद है कि हम जल्द ही मामले को पूरी तरह सुलझा लेंगे।’’
सिंह ने यह भी कहा कि उल्फा (आई) द्वारा आईईडी रखे जाने वाले सभी जिलों में पुलिस ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, जिसमें गुवाहाटी भी शामिल है। एसआईटी का नेतृत्व गुवाहाटी में संयुक्त आयुक्त या जिलों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अपराध) कर रहे हैं।
सिंह ने शुक्रवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में ‘‘आईईडी जैसे उपकरण’’ बनाने, लगाने में शामिल लोगों के संबंध में विश्वसनीय जानकारी दिए जाने पर पांच लाख रुपये तक के नकद इनाम की घोषणा की थी।
भाषा आशीष रंजन
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