गुवाहाटी, 25 नवंबर (भाषा) असम के पुलिस महानिदेशक जी पी सिंह ने शनिवार को कहा कि राज्य में उल्फा उग्रवादियों के परिवार के सदस्यों से सम्पर्क करने और उनके बच्चों को मुख्यधारा में वापस लाने में मदद करने के लिए एक पहल शुरू की गई है।
सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) और भारतीय सेना के साथ मिलकर राज्य पुलिस की ओर से शुरू की गई इस संयुक्त पहल का उद्देश्य पूरे क्षेत्र में शांति और मेलमिलाप को बढ़ावा देना है।
सिंह ने विभिन्न स्थानों पर उल्फा उग्रवादियों के परिवार के सदस्यों के साथ सुरक्षा कर्मियों की बातचीत की तस्वीरें साझा करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, ‘‘संघर्ष से सहयोग तक: शांतिपूर्ण भविष्य के लिए विश्वास-निर्माण की पहल।’’
डीजीपी ने कहा कि इस पहल के तहत, उल्फा उग्रवादियों के परिवारों को सेना या केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल शिविरों या पुलिस थानों में ‘‘विश्वास निर्माण और उनके बच्चों को मुख्यधारा में लाने में मदद करने’’ के लिए आमंत्रित किया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘विश्वास-निर्माण गतिविधियों के लिए उल्फा उग्रवादियों के परिवारों को आमंत्रित करने की पहल में क्षेत्र में शांति और सुलह को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं।’’
कार्यक्रम के उद्देश्यों में विश्वास और समझ का निर्माण करना है। डीजीपी ने कहा, ‘‘इस पहल का उद्देश्य सुरक्षा बलों और उल्फा उग्रवादियों के परिवारों के बीच अंतर को पाटना, आपसी सम्मान और समझ का आधार बनाना है।’’
परिवारों के साथ जुड़कर, इसका उद्देश्य उल्फा उग्रवादियों का पुनर्वास और समाज के मुख्यधारा में फिर से शामिल होने को प्रोत्साहित करना है।
शीर्ष पुलिस अधिकारी सिंह ने कहा, ‘‘समग्र उद्देश्य क्षेत्र में शांति और मेल-मिलाप की भावना को बढ़ावा देना है, जिससे अधिक सामंजस्यपूर्ण और शांतिपूर्ण भविष्य का मार्ग प्रशस्त हो सके।’’
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने 16 नवंबर को कहा था कि पिछले दो वर्षों में राज्य भर में विभिन्न संगठनों के 8,756 उग्रवादियों का पुनर्वास किया गया है।
भाषा अमित माधव
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