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शनिवार, 7 जून, 2025
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असम सरकार ने बराक घाटी में दूसरे वन्यजीव अभयारण्य को दी हरी झंडी

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(दिव्या शर्मा)

सिलचर, 23 जुलाई (भाषा) असम की बराक घाटी कई पक्षियों और स्तनपायी प्रजातियों का निवास स्थान है और जल्द ही यहां दूसरा वन्यजीव अभयारण्य स्थपित किया गया जाएगा।

बराक भुवन वन्यजीव अभयारण्य के प्रस्ताव को राज्यपाल जगदीश मुखी ने अपनी मंजूरी दे दी है।

बराक घाटी में पहले से ही बोरैल वन्यजीव अभयारण्य अवस्थित है।

इस संबंध में 19 जुलाई को जारी आधिकारिक आदेश में कहा गया, ‘‘ वन्यजीव (सरंक्षण) अधिनियम की धारा-35 में प्रदत्त अधिकार का इस्तेमाल करते हुए असम के राज्यपाल को संलग्न अनुसूची में उल्लेखित इलाकों को मिलाकर बराक भुवन वन्यजीव अभयारण्य स्थापित करने की मंशा घोषित करते हुए खुशी हो रही है।’’

बराक भुवन वन्यजीव अभयारण्य बराक नदी और सोनाई नदी के बीच करीब 320 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला में होगा।

आदेश में कहा गया, ‘‘ असम के राज्यपाल कछार, सिलचर के उपायुक्त को उल्लेखित भूमि पर किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के अधिकार के दावे, प्रकृति की जांच करने के लिए नियुक्त करते हैं।’’

इस इलाके में बंदरों की आठ प्रजातियां है जिनमें स्लो लोरिस, रीसस मकाउ, पिग टेल्ड मकाउ, स्टंप टेल्ड मकाउ, असमी मकाउ, कैप्ड लंगूर आदि प्रमुख हैं।

कछार वन प्रभाग के मुताबिक यह किंग कोबरा का प्रमुख निवास स्थान है। इस क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य बनाने का प्रस्ताव पिछले साल सिलचर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद राजदीप रॉय ने दिया था। रॉय ने कहा कि उनका विचार अब मूर्त रूप ले रहा है और इससे वह बहुत खुश हैं।

रॉय ने ‘पीटीआई-भाषॉ से कहा, ‘‘ भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार फैसले बहुत तेजी से लेती है और उन्हें उतनी ही तेजी से लागू करती है। इसलिए मैं शत प्रतिशत आश्वस्त हूं कि जमीन पर इसे स्थापित होने में महीनों नहीं लगेंगे। मेरा मानना है कि अगले तीन से छह महीने में बड़े बदलाव इस परियोजना को लेकर दिखने लगेंगे।’’

यह पूछे जाने पर कि इस अभयारण्य से बराक घाटी को कैसे लाभ होगा तो उन्होंने कहा कि प्रस्तावित भुवन वन्यजीव अभयारण्य के नजदीक एक शिव मंदिर है और ये दोनों पर्यटकों को आकर्षित करने और रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद कर सकते हैं।

पूर्वोत्तर की दूसरी सबसे लंबी नदी के नाम पर बराक घाटी का नाम पड़ा है, जिसमें पक्षियों की 550 प्रजातियों और 100 स्तनपायी जीवों की प्रजातियों का निवास है। बराक घाटी में असम के तीन जिले कछार, हैलाकांडी और करीमगंज आते हैं।

भाषा धीरज अमित

अमित

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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