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शुक्रवार, 20 जून, 2025
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असम: भाजपा के पूर्व विधायक अशोक शर्मा कांग्रेस में हुए शामिल

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नलबाड़ी, नौ अगस्त (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक अशोक शर्मा शुक्रवार को अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए।

भाजपा के वरिष्ठ नेता शर्मा ने लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा, विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज साठे और विकास उपाध्याय की उपस्थिति में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।

शर्मा ने भारी भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, ‘इस दिन अंग्रेजों से आजादी पाने के लिए भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ था। मैंने कांग्रेस और उसके नेताओं द्वारा किए गए बलिदान के सम्मान में कांग्रेस में शामिल होने के लिए इस दिन को चुना।’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस में शामिल होना उनके लिए कठिन निर्णय था, क्योंकि उनके तीन भाई और दो बहनों सहित उनका पूरा परिवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ा हुआ था।

उन्होंने दावा किया, ‘भाजपा में मेरा राजनीतिक अस्तित्व दांव पर था। कांग्रेस को नष्ट करने का पार्टी का अहंकार भी आम पार्टी कार्यकर्ताओं को पसंद नहीं आया। हिमंत विश्व शर्मा के भाजपा में शामिल होने के बाद पतन शुरू हो गया। ऐसे रवैये के कारण ही कांग्रेस अगली बार फिर सरकार बनाएगी।’

उन्होंने कहा कि असम में कांग्रेस के शासनकाल में समाज कभी विभाजित नहीं हुआ और पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के कार्यकाल में भी ऐसा नहीं था।

उन्होंने कहा, ‘‘ हालांकि, पिछले तीन वर्षों में हम केवल हिंदू-मुस्लिम राजनीति देख रहे हैं। मैं समाज में विभाजन की राजनीति से सहमत नहीं हूं।’

उनके साथ नलबाड़ी जिले के कई भाजपा नेता और कार्यकर्ता भी कांग्रेस में शामिल हुए।

बोरा ने कहा, ‘शर्मा का कांग्रेस में स्वागत करते हुए हमें बहुत खुशी हो रही है। हमें खुशी है कि यह शामिल होने का कार्यक्रम नलबाड़ी कांग्रेस कार्यालय में हो रहा है और हम समर्थकों को समायोजित नहीं कर पा रहे हैं। यह हमारी बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।’

गोगोई ने कहा कि शर्मा के कांग्रेस में शामिल होने से निचले असम के जिलों में भाजपा में ‘भूकंप’ पैदा होगा और आने वाले महीनों में और नेता विपक्षी पार्टी में शामिल होंगे।

शर्मा ने पार्टी के नेताओं के कामकाज पर कई महीनों तक असंतोष व्यक्त करने के बाद दो अगस्त को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और असम प्लांटेशन क्रॉप्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया। वह 2016 से 2021 तक विधायक रहे और माना जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान केंद्रीय मंत्री सोनोवाल के साथ उनके ‘अच्छे संबंध’ थे।

भाजपा में कई दशक बिताने वाले मृदुभाषी शर्मा जमीनी स्तर से उठे और नलबाड़ी में उनका काफी दबदबा है। उनके आरएसएस से भी घनिष्ठ संबंध थे और उनकी हमेशा ‘छवि साफ सुथरी’ रही। पार्टी नेतृत्व के साथ उनका मतभेद तब शुरू हुआ, जब उन्हें 2021 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के पूर्व नेता और वर्तमान मंत्री जयंत मल्ला बरुआ को समायोजित करने के लिए टिकट देने से मना कर दिया गया, जो मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के करीबी सहयोगी हैं।

भाषा

अमित दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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