तिनसुकिया (असम), सात अप्रैल (भाषा) घर से वोट डालने (होम वोटिंग) के दौरान असम के तिनसुकिया जिले में अतिरिक्त मतपत्र जारी करने के आरोपों को लेकर तीन मतदान कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया गया है।
तिनसुकिया के जिला आयुक्त स्वप्निल पॉल ने कहा कि लखीमपुर लोकसभा सीट के डूमडोमा विधानसभा क्षेत्र में शनिवार को डाक मतपत्र के जरिये घर से मतदान कराने के लिए तैनात कर्मियों के खिलाफ ये आरोप लगाये गए।
घर से मतदान कराने के लिए शनिवार सुबह एक वीडियोग्राफर और दो पुलिस कर्मियों सहित तीन मतदान कर्मियों की एक टीम को इस उद्देश्य के लिए भेजा गया था।
पॉल ने कहा कि मतदान दल ने शाम में यह रिपोर्ट दी कि वे उन्हें सौंपी गई सूची के अनुसार 14 निर्वाचकों के लिए डाक मतपत्र से मतदान की प्रकिया पूरी कर सकते हैं।
उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि हालांकि, जब उन्होंने उपयोग में लाये गए डाक मतपत्रों और इस्तेमाल में नहीं लाये गए डाक मतपत्रों को सौंपा, तब इनमें विसंगति पाई गई।
इस बारे में पूछे जाने पर उक्त तीन मतदान कर्मियों ने दावा किया कि 88 वर्षीय एक मतदाता के परिवार ने चुनाव प्रक्रिया पर आपत्ति की और उनके लिए एक और मतदान पत्र मांगा था।
अधिकारी ने कहा कि 86 वर्षीय एक और मतदाता के परिवार के सदस्यों ने भी इसी तरह की मांग की थी।
पॉल ने कहा कि मतदान कर्मी ने लोगों के दबाव को देखते हुए और अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दोनों व्यक्तियों को डाक मतपत्र जारी किए।
उन्होंने कहा, ‘‘इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए की एक ही मतदाता को दो बार डाक मतपत्र जारी करना कर्तव्य की घोर लापरवाही है क्योंकि एक व्यक्ति केवल एक बार मतदान कर सकता है, शनिवार को उक्त मतदान कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।’’
अधिकारी ने बताया कि लखीमपुर लोकसभा क्षेत्र के सहायक निर्वाचन अधिकारी जावेद अरमान ने मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि मतदान कर्मियों को जिले में, मौजूदा चुनाव में सभी तरह की चुनाव ड्यूटी से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है।
उपायुक्त ने कहा कि उक्त कर्मियों के संबद्ध विभागों को उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू करने को भी कहा गया है।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को लखीमपुर में मतदान होना है।
‘होम वोटिंग’ की सुविधा ऐसे मतदाताओं को दी जा रही है, जो 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक हैं या 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता श्रेणी में आते हैं।
भाषा सुभाष नरेश
नरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.