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गुरूवार, 29 मई, 2025
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असम: बिश्वनाथ जिले के सोनितपुर में विलय के खिलाफ प्रदर्शन मार्च

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तेजपुर (असम), तीन जनवरी (भाषा) असम में विपक्षी दलों और कुछ सामाजिक संगठनों ने राज्य सरकार के बिश्वनाथ जिले को सोनितपुर में मिलाने के कदम के खिलाफ मंगलवार को बिश्वनाथ कस्बे में प्रदर्शन मार्च निकाला और इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की।

कांग्रेस, असम जातीय परिषद, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) (भाकपा-माले) और रायजोर दल ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया। प्रदर्शन मार्च स्वाहिद भवन से शुरू हुआ और राष्ट्रीय राजमार्ग-15 पर पुलिस चौकी पर समाप्त हुआ।

ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसु), असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी), गोरखा स्टूडेंट्स यूनियन और संग्रामी युवा छात्र भी कई घंटे जारी रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

असम कैबिनेट ने 31 दिसंबर को सोनितपुर के साथ बिश्वनाथ जिले के प्रशासनिक विलय को मंजूरी दी थी। बिश्वनाथ को सोनितपुर से अलग करके अगस्त 2015 में एक अलग जिला बनाया गया था।

कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार ने होजई को नागांव जिले के साथ, तमुलपुर को बक्सा जिले के साथ और बजाली को बारपेटा जिले के साथ विलय करने का भी फैसला किया।

बिश्वनाथ कस्बे में प्रदर्शनकारियों ने जिले का दर्जा खत्म करने के फैसले को जनमत के खिलाफ बताते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत असम सरकार और मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के खिलाफ नारेबाजी की।

एएएसयू विश्वनाथ के अध्यक्ष बिक्रम विकास बोरा ने कहा, ‘‘हम सरकार के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्हें अपना परिसीमन करने दें, हमें इससे कोई सरोकार नहीं है। हम अपने जिले को तुरंत वापस चाहते हैं।’’ उन्होंने स्थानीय प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा और निर्णय को रद्द करने की मांग की।

निर्वाचन आयोग द्वारा एक जनवरी, 2023 से असम में नयी प्रशासनिक इकाइयां बनाने पर प्रतिबंध लगाने के ठीक एक दिन पहले जिलों को विलय करने के निर्णय लिए गए थे, क्योंकि निर्वाचन आयोग राज्य में परिसीमन अभ्यास करेगा।

नयी दिल्ली में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कुछ गांवों और कुछ कस्बों के प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र में भी बदलाव किया गया। बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र में दो जिलों में कुछ स्थानों को शामिल करने के लिए नलबाड़ी और दारंग जिलों में भी विरोध प्रदर्शन हुए।

भाषा सुरभि माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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