गुवाहाटी, 30 जुलाई (भाषा) मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को कहा कि देश की सबसे पुरानी विधानसभाओं में से एक असम विधानसभा को नयी इमारत मिलना एक मील का पत्थर है।
शर्मा ने उम्मीद जतायी कि विधायक लोगों और राज्य के लिए काम करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि विधानसभा ने दशकों में कई महत्वपूर्ण कानून बनाए हैं।
शर्मा ने यहां नये विधानसभा भवन के उद्घाटन के मौके पर कहा, ‘‘असम विधानसभा देश की सबसे पुरानी और सबसे प्रतिष्ठित विधानसभाओं में से एक है। लोकतंत्र के मंदिर के रूप में इसने असम के लिए एक नया भाग्य लिखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा में सभी विधायकों का स्वस्थ आचरण असम के लोगों को प्रेरित करेगा। मुझे विश्वास है कि मेरे सभी सहयोगी लोकतंत्र की भावना को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे।’’
शर्मा ने कहा कि हालांकि 2009 में इस इमारत को पूरा होने में समय लगा, लेकिन सरकार ने राज्य की विरासत को प्रतिबिंबित करते हुए इसे नवीनतम तकनीक से लैस करने की पूरी कोशिश की है।
उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा असम की सांस्कृतिक विरासत को प्रतिबिंबित करती है। कांच की छत, लकड़ी, शीर्ष पर एक शिखर, वृंदावनी वस्त्र और ऐसी अन्य सामग्रियों से सुसज्जित, यह लोकतंत्र के एक मील के पत्थर के रूप में खड़ा है।’’
उन्होंने कहा कि यह ई-विधान सुविधा, उन्नत एवी प्रणाली, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्यमंत्री, मंत्रियों के लिए कक्ष और सभी दलों के लिए पर्याप्त जगह, उन्नत केंद्रीय हॉल आदि से सुसज्जित है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने इसे केंद्र की सेंट्रल विस्टा परियोजना के अनुरूप सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया है।’’
शर्मा ने पिछले कुछ वर्षों में विधानसभा द्वारा पारित विभिन्न कानूनों का भी उल्लेख किया जिनमें शैक्षणिक संस्थानों के लिए मार्ग प्रशस्त करना, व्यापार में सुगमता और राज्य के लोगों के हितों की सुरक्षा से संबंधित अन्य कानून शामिल हैं।
गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून का उल्लेख करते हुए, जो उनके पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद पारित किया गया था, शर्मा ने गांधीजी द्वारा कही गई बात का उल्लेख किया, ‘‘मेरे लिए गाय का तात्पर्य सम्पूर्ण उपमानव संसार से है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि हम गांधीजी के सपनों को आगे बढ़ाते हुए इस प्रतिष्ठित विधानसभा से गोहत्या पर रोक लगाने का महत्वपूर्ण विधेयक पारित कर सके।’’
भाषा अमित संतोष
संतोष
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.