मुंबई, 30 सितंबर (भाषा) एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव मंगलवार को सेवानिवृत्त हो गईं।
सुरेखा ने अपने 36 साल के करियर के दौरान देश में कई प्रतिष्ठित ट्रेन का परिचालन किया।
मध्य रेलवे ने यादव के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि सुरेखा की यात्रा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
यादव ने वर्ष 1989 में पुरुष-प्रधान रेलवे की सीमाओें से परे जाकर भारतीय रेलवे में अपना करियर शुरू किया था। वह 1990 में सहायक चालक बनीं और महाद्वीप की पहली महिला ट्रेन चालक होने का गौरव प्राप्त किया।
मुंबई की उपनगरीय लोकल ट्रेन के अलावा, उन्होंने भारत के सबसे खड़ी ‘घाट’ (पहाड़ी दर्रे) खंडों से होकर मालगाड़ियां चलाईं तथा देश की कुछ सबसे प्रतिष्ठित ट्रेन जैसे वंदे भारत और राजधानी एक्सप्रेस की पायलट के रूप में भी सेवाएं दी।
महाराष्ट्र के सतारा जिले में दो सितंबर 1965 को एक किसान परिवार में जन्मी यादव ने रेलवे में नौकरी करने से पहले ‘इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग’ में डिप्लोमा हासिल किया था।
सुरेखा ने वर्ष 1996 में पहली बार मालगाड़ी का संचालन किया तथा 2000 में ‘मोटरवुमन’ के पद पर पदोन्नत हुईं। बाद में उन्होंने विभिन्न मार्गों पर लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेन की कमान संभाली।
उन्होंने 13 मार्च, 2023 को सोलापुर और मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस के उद्घाटन के दौरान ट्रेन का परिचालन किया।
सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले ही उन्हें अंतिम असाइनमेंट के रूप में हजरत निजामुद्दीन-सीएसएमटी मार्ग पर इगतपुरी और सीएसएमटी के बीच प्रतिष्ठित राजधानी एक्सप्रेस चलाने का अवसर मिला था।
मध्य रेलवे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘एशिया की पहली महिला ट्रेन चालक श्रीमती सुरेखा यादव, 36 वर्षों की शानदार सेवा के बाद आज अंतिम विदाई दे रही हैं। उनका अग्रणी सफर रेलवे की महिलाओं और पुरुषों, दोनों को प्रेरित करता रहेगा।’
भाषा
राखी सुरेश
सुरेश
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