पटना, 12 जनवरी (भाषा) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के पटना सर्कल ने बिहार के नालंदा जिले में विश्वधरोहर स्थल ‘‘नालंदा महाविहार’’ परिसर के भीतर सराय टीला टीले के पास भूनिर्माण गतिविधियों के दौरान पत्थर से उकेरे गए 1200 साल पुराने दो लघु स्तूपों की खोज की है, जो भगवान बुद्ध की आकृतियों को दर्शाते हैं।
एएसआई पटना सर्कल की अधीक्षण पुरातत्वविद् गौतमी भट्टाचार्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि ये दो स्तूप चार जनवरी को नालंदा महाविहार परिसर के भीतर सराय टीला टीले के पास भूनिर्माण के दौरान एएसआई के अधिकारियों को मिले थे। ये भगवान बुद्ध की आकृतियों को दर्शाते हैं, जो लगभग 1200 वर्ष पुराने होने चाहिए। हमारे पुरातत्वविद इसकी और जांच कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि भारत में 7वीं शताब्दी की शुरुआत में ऐसे स्तूप मन्नत के प्रसाद के रूप में लोकप्रिय थे।
भट्टाचार्य ने कहा कि नालंदा भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय के रूप में माना जाता है। यह 800 वर्षों की निर्बाध अवधि में ज्ञान के प्रसार में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि नालंदा महाविहार के पुरातात्विक अवशेषों को व्यवस्थित रूप से उत्खनित किया गया और संरक्षित किया गया है।
भाषा अनवर
शफीक
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