नई दिल्ली: केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे अपने मंत्रालय की फाइलों के ढेर से नहीं, बल्कि मेकअप कलाकारों से घिरे हुए हैं. यह एक अलग ही नजारा है. सहायक बने एक व्यक्ति ने अपने हाथों में दर्पण पकड़ा हुआ है और मंच पर कदम रखने से पहले चौबे एक आखिरी बार अपनी सफेद विग को ठीक करने में लगे हैं.
हर दशहरे पर लाल किले पर लव कुश रामलीला समिति द्वारा आयोजित दिल्ली की प्रतिष्ठित ‘लव कुश रामलीला’ में चौबे ऋषि विश्वामित्र की भूमिका निभा रहे हैं. वह अकेले राजनेता नहीं हैं जो यहां एक अलग ही रूप में नजर आ रहे हैं. उनके जैसे कई राजनेता इस रामलीला में अपने अभिनय के गुणों से लोगों को आश्चर्यचकित कर रहे हैं. मसलन केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, अर्जुन राम मेघवाल और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता तक एक लंबी लिस्ट है. यहां तक कि आम आदमी पार्टी के बृजेश गोयल तक यहां अभिनय करते नजर आए. यह कार्यक्रम 26 सितंबर को शुरू हुआ था और 5 अक्टूबर तक चलेगा.
लगातार 10 दिनों तक चलने वाले रामलीला मंचन के लिए राजनेता अपनी व्यस्त जीवनशैली से कैसे समय निकाल पाते हैं?
शो के प्रचारक शैलेश गिरी ने दिप्रिंट को बताया, ‘हम उनसे (राजनेता) एक निश्चित किरदार निभाने के लिए पहले से संपर्क करते हैं. ये भूमिकाएं अक्सर बेहद छोटी होती हैं जिसमें ज्यादा काम या तैयारी की जरूरत नहीं होती. संवाद भी कम ही होते हैं.’ वह आगे बताते है. ‘जिस दिन उन्हें अपने किरदार को निभाना होता है, उससे 2-3 दिन पहले वे अपने कुछ संवादों की प्रैक्टिस करते हैं और सीखते हैं. इनमें से ज्यादातर अपने किरदार को बेहद ईमानदारी और उत्साह के साथ निभाते हैं.’
‘लव कुश रामलीला’ में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भजन गाते हुए दिखे तो वहीं उत्तरी दिल्ली के पूर्व महापौर अवतार सिंह ने राक्षसों के राजा रावण के विशाल भाई कुंभकर्ण की भूमिका निभाई. जबकि दिल्ली भाजपा अध्यक्ष गुप्ता ने भगवान विष्णु का रोल अदा किया.
शो में गुप्ता के पूर्ववर्ती और उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी भी हैं. वह केवट की भूमिका निभा रहे हैं. यह महाकाव्य रामायण में एक चरित्र है, जिसने राम के वनवास के समय राम, सीता और लक्ष्मण को अपनी नाव में गंगा पार करने में मदद की थी. उधर केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कुलस्ते ने निषाद राजा गुहा की भूमिका निभाई, जो राम के करीबी दोस्त थे. भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता राम के ससुर राजा जनक की भूमिका निभाते नजर आए.
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जहां राजनीति अध्यात्म से मिल जाती है
‘लव कुश रामलीला’ अक्सर आध्यात्मिकता, राजनीति और बॉलीवुड का एक लोकप्रिय कॉकटेल है. पिछले कुछ सालों में अक्षय कुमार, जॉन अब्राहम और अजय देवगन जैसे अभिनेताओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया है.
इस साल आयोजकों ने तेलुगु अभिनेता प्रभास (बाहुबली प्रसिद्धि के) को अपने दशहरा समारोह में आमंत्रित किया है. इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल होंगे.
शो के प्रचारक गिरी ने दिप्रिंट को बताया कि पिछली रामलीलाओं में सुरेश प्रभु और हर्षवर्धन जैसे पूर्व केंद्रीय मंत्रियों ने भी अलग-अलग किरदार निभाए थे. हर्षवर्धन ने रामलीला के 2018 के संस्करण में राजा जनक की भूमिका निभाई थी.
गिरि ने कहा, ‘पिछले साल (भाजपा विधायक) विजेंद्र गुप्ता की पत्नी ने भी एक किरदार निभाया था. (कांग्रेस नेता) अलका लांबा को भी एक भूमिका निभानी थी, लेकिन आखिरी समय में इस पर काम नहीं हो पाया.’
गिरी के अनुसार, यह पहली बार है जब आप का कोई नेता किसी ऐसे कलाकारों के समूह में शामिल हुआ है जिसमें आमतौर पर भाजपा सदस्यों का दबदबा रहता है.
आप नेता बृजेश गोयल ने वानर सेना या वानर सेना के नेता अंगद की भूमिका निभाई, जिसने राम को सीता को खोजने और उनके अपहरण करने वाले रावण से लड़ने में मदद की थी.
गोयल ने मीडिया से कहा कि उन्होंने इस भूमिका के लिए वजन भी बढ़ाया है.
रविवार को मंच पर जाने से पहले गोयल ने कहा, ‘मैं इस भूमिका के लिए एक महीने से ज्यादा समय से तैयारी कर रहा हूं. मुझे उम्मीद है कि जब मैं मंच पर जाऊंगा, तो लोग मुझे बृजेश गोयल के रूप में नहीं बल्कि अंगद के रूप में देखेंगे.’
केंद्रीय मंत्री चौबे ने पिछले हफ्ते ट्वीट किया था कि उन्हें अपनी भूमिका पर गर्व है: ‘मैं बक्सर से हूं और यह ऋषि विश्वामित्र की भूमि रही है. मुझे गर्व है कि मैं महर्षि विश्वामित्र की भूमिका निभा सका.’
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