गुवाहाटी, 23 मई (भाषा) असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने उन जिलों के प्राधिकारियों से बरसात के मौसम के दौरान लोगों को स्थानांतरित करने के लिए सुरक्षित आश्रयों या राहत शिविरों की पहचान करने को कहा है जहां भूस्खलन का अधिक खतरा है।
बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा गया कि एएसडीएमए ने भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों से मानसून के दौरान सुरक्षित स्थानों पर जाने का आग्रह किया है।
राज्य में आगामी बरसात के मौसम को देखते हुए एएसडीएमए ने सभी भूस्खलन संभावित जिलों को उन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए सुरक्षित आश्रय स्थलों (राहत शिविरों) का पहले से पता लगाने का निर्देश दिया है जहां भूस्खलन का अधिक खतरा है।
एएसडीएमए ने जिला अधिकारियों से लोगों को सुरक्षित आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने के लिए कहा है ताकि भूस्खलन की किसी भी घटना के कारण जानमाल के नुकसान की संभावना को कम किया जा सके।
भूस्खलन संभावित जिलों में पिछले तीन साल में हुई मौतों को ध्यान में रखते हुए एएसडीएमए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ज्ञानेंद्र देव त्रिपाठी ने भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों में रहने वाले सभी लोगों से अनुरोध किया है कि वे बरसात के मौसम में सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।
ये निर्देश कछार, दीमा हसाओ, हैलाकांडी, कामरूप, कामरूप मेट्रोपॉलिटन, कार्बी आंगलोंग, श्रीभूमि और पश्चिम कार्बी आंगलोंग के लिए जारी किए गए हैं। इन जिलों में भूस्खलन का सबसे अधिक खतरा है।
एएसडीएमए ने इन जिलों के प्राधिकारियों से उन क्षेत्रों की तुरंत पहचान करने को कहा है जहां भूस्खलन की अधिक आशंका है। प्राधिकरण ने प्राधिकारियों से सुरक्षित आश्रयों को अधिसूचित करने को कहा है ताकि प्रभावित लोग आवश्यकता पड़ने पर इन राहत शिविरों में जा सकें।
भाषा सिम्मी मनीषा
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