हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने हालांकि हमेशा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दृष्टिकोण का विरोध किया है, लेकिन कट्टरपंथी संगठन पर प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता.
सरकार ने कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता और आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों से ‘संबंध’ होने के कारण पीएफआई और उससे संबद्ध कई अन्य संगठनों पर बुधवार को पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया.
ओवैसी ने कई ट्वीट में कहा, ‘मैंने हमेशा पीएफआई के दृष्टिकोण का विरोध किया है और लोकतांत्रिक दृष्टिकोण का समर्थन किया है, लेकिन पीएफआई पर प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है.’
उन्होंने कहा, ‘इस तरह का प्रतिबंध खतरनाक है क्योंकि यह किसी भी उस मुसलमान पर प्रतिबंध है जो अपने मन की बात कहना चाहता है. जिस तरह से भारत की ‘चुनावी निरंकुशता’ फासीवाद के करीब पहुंच रही है, भारत के ‘काले’ कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत अब हर मुस्लिम युवा को पीएफआई पर्चे के साथ गिरफ्तार किया जाएगा.’
कांग्रेस, आईयूएमएल ने फैसले का किया स्वागत, आरएसएस पर भी रोक लगाने की मांग
केरल में विपक्षी दल कांग्रेस और उसके गठबंधन सहयोगी ‘इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग’ (आईयूएमएल) ने केंद्र के ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) को प्रतिबंधित करने के फैसले का बुधवार को स्वागत किया, हालांकि साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर भी इसी तरह रोक लगाने की मांग की.
आईयूएमएल के वरिष्ठ नेता एम.के. मुनीर ने पीएफआई की गतिविधियों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि कट्टरपंथी संगठन ने कुरान की गलत व्याख्या की और समुदाय के सदस्यों को हिंसा का रास्ता अपनाने के लिए उकसाया.
कोझिकोड में उन्होंने कहा कि पीएफआई ने न केवल युवा पीढ़ी को बरगलाने की कोशिश की बल्कि समाज में विभाजन व नफरत पैदा करने की कोशिश की.
विधायक ने कहा, ‘राज्य के सभी मुस्लिम विद्वानों ने चरमपंथी विचारधाराओं की कड़ी निंदा की है. पीएफआई जैसे संगठनों ने छोटे-छोटे बच्चों से भी घृणाभरे नारे लगवाए. किस इस्लाम ने उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी?’
उन्होंने कहा कि आईयूएमएल ने आरएसएस और पीएफआई-एसडीपीआई के कृत्यों की हमेशा निंदा की है. उन्होंने कहा कि संबंधित समुदायों को ऐसे संगठनों की सांप्रदायिक विचारधाराओं का विरोध करना चाहिए.
वहीं कांग्रेस के नेता एवं राज्य के पूर्व गृह मंत्री रमेश चेनिथला ने कहा कि केंद्र का पीएफआई को प्रतिबंधित करने का फैसला ‘बेहद अच्छा’ कदम है.
उन्होंने कहा, ‘आरएसएस पर भी इसी तरह प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. केरल में बहुसंख्यक सांप्रदायिकता और अल्पसंख्यक सांप्रदायिकता दोनों का समान रूप से विरोध किया जाना चाहिए. दोनों संगठनों ने सांप्रदायिक घृणा को भड़काया है और इस तरह समाज में विभाजन पैदा करने की कोशिश की है.’
चेनिथला ने कहा कि कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है, जिसने बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक दोनों समुदायों द्वारा फैलाई जाने वाली सांप्रदायिकता के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है.
गौरतलब है कि सरकार ने कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता और आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों से ‘संबंध’ होने के कारण ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) व उससे संबद्ध कई अन्य संगठनों पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है.
योगी बोले- देश की सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन स्वीकार्य नहीं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर पाबंदी लगाए जाने का स्वागत किया है.
मुख्यमंत्री ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा, ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसके आनुषांगिक संगठनों पर लगाया गया प्रतिबंध सराहनीय एवं स्वागत योग्य है.’
उन्होंने इसी ट्वीट में कहा, ‘यह ‘नया भारत’ है. यहां आतंकी, आपराधिक और राष्ट्र की एकता व अखंडता तथा सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन एवं व्यक्ति स्वीकार्य नहीं.’
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बुधवार को पीएफआई तथा उसके कई सहयोगी संगठनों पर आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता का आरोप लगाते हुए पाबंदी लगा दी है. यह कदम पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी और उसके अनेक सदस्यों की हाल में हुई गिरफ्तारी के बाद उठाया गया है.
कुछ लोग सियासी नफा-नुकसान का गुणा-भाग कर रहे : नकवी
पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) और उसके कुछ अन्य सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध लगाए जाने को देशहित में की गई कार्रवाई करार देते हुए बुधवार को कहा कि कुछ राजनीतिक दल ऐसे हैं जो इस कार्रवाई को लेकर भी सियासी नफा-नुकसान का गुणा-भाग कर रहे हैं.
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘लोकतंत्र के खिलाफ हिंसक साजिश के तहत गतिविधियां चला रहे कुछ संगठनों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है. देश की सुरक्षा हमारी ताकत है… यह कार्रवाई देश की सुरक्षा और देशहित में है.’
नकवी ने कहा, ‘अफसोस की बात है कि पहले कुछ राजनीतिक दल ऐसे लोगों को प्रश्रय दे रहे थे. ऐसे ही लोग अब भी उनके साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं. यही लोग कभी सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल करेंगे. जब इस तरह के संगठनों (पीएफआई) पर कार्रवाई होती है तो ये लोग इनके साथ खड़े होते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘अगर सरकार ने शैतानी ताकतों के खिलाफ कार्रवाई की है तो देश की सुरक्षा के लिए की है. अफसोस की बात है कि कुछ लोग इसमें भी सियासी नफा-नुकसान का गुणा-भाग कर रहे हैं.’
सरकार ने आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के कारण ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) और उससे संबद्ध अन्य संगठनों पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है.
आतंकवाद रोधी कानून ‘यूएपीए’ के तहत ‘रिहैब इंडिया फाउंडेशन’ (आरआईएफ), ‘कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया’ (सीएफआई), ‘ऑल इंडिया इमाम काउंसिल’ (एआईआईसी), ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन’ (एनसीएचआरओ), ‘नेशनल विमेंस फ्रंट’, ‘जूनियर फ्रंट’, ‘एम्पॉवर इंडिया फाउंडेशन’ और ‘रिहैब फाउंडेशन’(केरल) को भी प्रतिबंधित किया गया है.
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