तिरुवनंतपुरम, 20 फरवरी (भाषा) केरल में वामपंथी शासन के तहत उद्यमशीलता के विकास पर कांग्रेस नेता शशि थरूर के लेख को लेकर चल रही बहस के बीच, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने बृहस्पतिवार को कहा कि नयी उद्यमिता पर राज्य सरकार का रुख “बढ़ा-चढ़ाकर” बताए गए आंकड़ों पर आधारित है।
सतीशन का बयान थरूर द्वारा यह दोहराए जाने के एक दिन बाद आया है कि उनका लेख मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के किसी दस्तावेज पर आधारित नहीं था बल्कि वैश्विक स्टार्टअप इकोसिस्टम रिपोर्ट और केंद्र की व्यापार करने में सुगमता रिपोर्ट पर आधारित था। थरूर के लेख में केरल में वाम मोर्चा सरकार की निवेश-अनुकूल नीतियों और स्टार्टअप कार्यक्रमों के लिए प्रशंसा की गई थी।
उन्होंने हालांकि यहां एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य थरूर के बयान का सीधे तौर पर जिक्र नहीं किया। लेकिन तिरुवनंतपुरम के सांसद को अप्रत्यक्ष जवाब देते हुए सतीसन ने कहा कि केरल में वर्तमान में 3.55 लाख एमएसएमई हैं – यह संख्या मुख्य रूप से एमएसएमई परिभाषा में 2021 के संशोधन के कारण बढ़ी है, जिसमें इस श्रेणी के तहत थोक और खुदरा उद्यम शामिल हैं।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “इसके विपरीत, आंध्र प्रदेश में 2020-21 में 65,174 एमएसएमई थे, जो अब बढ़कर 6.78 लाख हो गए हैं। इसी तरह, कर्नाटक में एमएसएमई की संख्या 2020-21 में 1.52 लाख से बढ़कर 6.76 लाख हो गई।”
सतीशन ने कहा कि परिभाषा में परिवर्तन से सभी राज्यों के आंकड़े बदल गए हैं, तथा नाई की दुकानों और छोटी दुकानों जैसे व्यवसायों को एमएसएमई के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
उन्होंने कहा, “सरकार वास्तव में इसके लिए किस श्रेय की हकदार है? अगर इस तरह के दावों पर सवाल नहीं उठाए गए तो स्थिति वैसी ही होगी जैसी कोविड-19 काल के दौरान हुई थी।”
कांग्रेस नेता ने वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार पर महामारी से निपटने में प्रभावी तरीके से काम करने का झूठा दावा करने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “उन्होंने (सरकार ने) एक कहानी गढ़ी कि उन्होंने कोविड-19 की स्थिति को प्रभावी ढंग से संभाला। हालांकि, चुनावों के बाद यह स्पष्ट हो गया कि केरल कोविड-19 से संबंधित मौतों के मामले में देश में महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर है, जिसकी आबादी केरल से तीन गुना अधिक है।”
वामपंथी सरकार की प्रशंसा करने वाले थरूर के लेख पर उठे विवाद का जिक्र करते हुए सतीशन ने कहा कि उनका थरूर के साथ बहस करने का कोई इरादा नहीं है।
सतीशन ने कहा, “मैं थरूर के साथ किसी विवाद या बहस में नहीं पड़ना चाहता। जब उन्होंने एक ऐसे मुद्दे पर सरकार का समर्थन करते हुए एक लेख लिखा जिस पर हम सक्रिय रूप से बहस कर रहे हैं, तो मैंने बताया कि उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए आंकड़े गलत थे – और बाद में यह सच साबित हुआ।”
एलडीएफ सरकार के तहत केरल के उद्यमिता विकास की प्रशंसा करते हुए एक अंग्रेजी दैनिक में थरूर के लेख ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया। जहां उनकी पार्टी ने उनके दावों के आधार पर सवाल उठाए, वहीं माकपा ने उनका स्वागत किया।
सतीशन ने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य के रूप में, थरूर को सलाह देना या सुधारना पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व पर निर्भर है।
सतीशन ने कांग्रेस के भीतर दरार की खबरों को भी खारिज करते हुए कहा कि पार्टी हर मुद्दे पर एकजुट है।
भाषा प्रशांत मनीषा
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