नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के शनिवार को शपथ ग्रहण समारोह और कैबिनेट विभागों के आवंटन के बाद, अगले दो से चार महीनों में खाली होने वाले आधा दर्जन शीर्ष नौकरशाही पदों पर नियुक्तियों की ओर कदम बढ़ेंगे.
इनमें सरकार के तीन शीर्ष पद शामिल हैं- कैबिनेट सचिव, गृह सचिव और विदेश सचिव, जो अगस्त से अक्टूबर 2024 के बीच खाली होने वाले हैं. सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया कि इस बात की प्रबल संभावना है कि प्रधानमंत्री के मौजूदा प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा की प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में तीसरे कार्यकाल के लिए बने रहने की संभावना कम है. इसके अलावा, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल भी दिसंबर में खत्म हो रहा है.
देश के सबसे बड़े नौकरशाह कैबिनेट सचिव राजीव गौबा का सेवा विस्तार 30 अगस्त को पूरा हो रहा है. 1982 बैच के झारखंड काडर के आईएएस, गौबा को 2019 में दो साल की अवधि के लिए कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया था. तब से उन्हें तीन बार का सेवा विस्तार दिया जा चुका है.
सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया है कि अगला कैबिनेट सचिव 1987 बैच से चुना जा सकता है. 1987 बैच के कई अधिकारी वर्तमान में केंद्र और राज्य सरकारों में प्रमुख मंत्रालयों का नेतृत्व कर रहे हैं. इनमें वित्त सचिव टी.वी.एस. सोमनाथन, इस्पात सचिव एन.एन. सिन्हा, आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) के सचिव अजय सेठ, पेयजल और स्वच्छता विभाग की सचिव विनी महाजन, गुजरात के मुख्य सचिव राज कुमार, झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुभानी समेत अन्य शामिल हैं.
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला का कार्यकाल 22 अगस्त को समाप्त होने वाला है, जिन्हें सेवा विस्तार दिया जा रहा है. अगस्त 2019 में गृह सचिव नियुक्त किए गए 1984 बैच के असम-मेघालय काडर के आईएएस अधिकारी भल्ला का कार्यकाल नवंबर 2020 में सेवानिवृत्त होने के बाद से चार बार बढ़ाया जा चुका है. एक अन्य शीर्ष नौकरशाह जिनका सेवा विस्तार अक्टूबर 2024 में समाप्त हो रहा है, वे विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा हैं.
मोदी सरकार ने 1988 बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी क्वात्रा को अप्रैल 2022 में विदेश सचिव नियुक्त किया था. उनका कार्यकाल पहले 30 अप्रैल, 2024 तक बढ़ाया गया और फिर अक्टूबर के अंत तक बढ़ा दिया गया. सरकारी सूत्रों ने कहा कि शीर्ष तीन पदों के अलावा, पीएम नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा के मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में बने रहने की संभावना नहीं है.
ऐसी अटकलें हैं कि मोदी के 75 वर्षीय शीर्ष सहयोगी की जगह कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को नियुक्त किया जा सकता है. 1972 के गुजरात काडर के अधिकारी मिश्रा 2014 में मोदी के पीएम बनने के बाद अतिरिक्त प्रधान सचिव के रूप में पीएमओ चले गए थे. इससे पहले, जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब वे उनके प्रधान सचिव के रूप में काम कर चुके हैं. 2019 में, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान, तत्कालीन प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा के इस्तीफे के बाद उन्हें प्रधान सचिव नियुक्त किया गया था.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल भी दिसंबर में समाप्त होने वाला है, जिन्हें 2021 में दूसरा तीन साल के लिए सेवा विस्तार मिला था. दास को दिसंबर 2018 में तीन साल के कार्यकाल के लिए आरबीआई गवर्नर नियुक्त किया गया था, जिसे 2021 में फिर से तीन साल के लिए बढ़ा दिया गया था. सरकार में अटकलें हैं कि वित्त सचिव टी.वी.एस. सोमनाथन, दास की जगह ले सकते हैं.
मोदी 3.0 के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में भी पूर्णकालिक निदेशक की नियुक्ति हो सकती है. सितंबर 2023 में संजय मिश्रा के सेवानिवृत्त होने के बाद सरकार ने पूर्णकालिक निदेशक की नियुक्ति नहीं की.
मिश्रा को नवंबर 2018 में दो साल की अवधि के लिए ईडी प्रमुख नियुक्त किया गया था, जिसे बाद में 2023 तक बढ़ा दिया गया था. मिश्रा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद 1993 बैच के भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी राहुल नवीन को कार्यवाहक निदेशक नियुक्त किया गया.
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