नयी दिल्ली, आठ नवंबर (भाषा) दिवंगत ब्रिटिश इतिहासकार चार्ल्स एलन की आखिरी किताब ‘आर्यन्स: द सर्च फॉर ए पीपल, ए प्लेस एंड ए मिथ’ का 15 नवंबर को विमोचन होगा। प्रकाशन गृह हैचेट इंडिया ने बुधवार को इसकी घोषणा की।
माना जा रहा है कि आर्यों का एक पुख्ता विवरण उपलब्ध कराने वाली यह पुस्तक, “भाषा, पौराणिक कथाओं, विवादित इतिहास और संघर्ष” का एक भव्य विवरण पेश करती है। यह एलन के शानदार करियर के अंत का प्रतीक होगी।
एलन, भारत के बारे में कई लोकप्रिय पुस्तकों के लेखक – जिनमें ‘प्लेन टेल्स फ्रॉम द राज’, ‘किपलिंग साहब’, ‘अशोका’ और ‘कोरोमंडल’ शामिल हैं – की 2020 में कैंसर से मृत्यु हो गई। वह 80 वर्ष के थे।
एक यात्री, इतिहासकार और कुशल कहानीकार, चार्ल्स ने विस्तृत शोध किया और उन्होंने अपना पूरा जीवन उनकी जन्मभूमि से जुड़ी कहानियों से पर्दा उठाने में लगा दिया।
उन्होंने ‘आर्यन्स’ को पूरा होने के करीब अपने मित्र और लेखक डेविड लॉयन के पास छोड़ा था जिन्होंने पुस्तक का संपादन किया है।
लॉयन ने एक बयान में कहा, ‘‘चार्ल्स अपनी जन्म भूमि भारत से प्यार करते थे और उसका सम्मान करते थे, उन्होंने इसके इतिहास के बारे में 20 से अधिक किताबें लिखीं। आर्यन्स उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है, वह और मैं उनकी बीमारी से पहले कुछ वर्षों से इस विचार के बारे में बात कर रहे थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उनकी मृत्यु से पहले मैंने सहमति जताई थी कि मैं पांडुलिपि को संपादित करूंगा, जो एक बड़ा सौभाग्य है।’’
भाषा प्रशांत पवनेश
पवनेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.