ईटानगर, आठ मार्च (भाषा) ‘अरुणाचल इंडीजिनस ट्राइब्स फोरम’ (एआईटीएफ) ने लोगों से धर्म की स्वतंत्रता से संबंधित राज्य के कानून के तहत नियम बनाने को लेकर व्याप्त तनाव के बीच संयम बरतने की अपील की।
मूल जनजातीय संगठनों के शीर्ष मंच एआईटीएफ ने दावा किया कि अरुणाचल क्रिश्चियन फोरम (एसीएफ) के सदस्यों द्वारा भूख हड़ताल और हाल ही में ‘इंडीजिनस फेथ एंड कल्चरल सोसायटी ऑफ अरुणाचल प्रदेश’ (आईएफसीएसएपी) द्वारा की गई रैलियों सहित विरोध प्रदर्शन राज्य में शांति और विकास के लिए खतरा है।
अरुणाचल प्रदेश धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम (एपीएफआरए), 1978, विशेष रूप से ईसाई समूहों के बीच एक विवादास्पद मुद्दा रहा है।
आईएफसीएसएपी और राज्य सरकार का तर्क है कि यह कानून मूल संस्कृति और आस्था को संरक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण है, जबकि अरुणाचल क्रिश्चियन फोरम का तर्क है कि यह ईसाइयों के साथ भेदभाव करता है।
एआईटीएफ ने ‘राजनीतिक दलों, एसीएफ, आईएफसीएसएपी और जनता से अपील की है कि वे भड़काऊ बयान देने से बचें’, क्योंकि इससे तनाव बढ़ सकता है।
एआईटीएफ ने सभी हितधारकों को उचित चर्चाओं के माध्यम से जानकारी प्रदान कर नियम-निर्माण प्रक्रिया में रचनात्मक रूप से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।
भाषा जितेंद्र दिलीप
दिलीप
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.