ईटानगर, तीन जुलाई (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) के टी परनाइक ने बृहस्पतिवार को राज्य विधानसभा के स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन किया और इसे ‘‘लोकतंत्र का मंदिर, उम्मीद की किरण, एकता का मंच और समावेशी प्रगति का प्रतीक’’ बताया।
यहां विधानसभा परिसर में स्वर्ण जयंती स्मृति पट्टिका का अनावरण करते हुए राज्यपाल ने 45 दिन तक चलने वाले इस समारोह की औपचारिक रूप से शुरुआत की।
इस मौके पर मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने समारोह का आधिकारिक गीत जारी किया।
परनाइक ने 1975 में विधानसभा की स्थापना के बाद से इसकी यात्रा के बारे में कहा कि यह आयोजन केवल समय बीत जाने का उत्सव नहीं है, बल्कि राज्य के लोकतांत्रिक विकास, इसकी संस्थाओं की परिपक्वता और इसके लोगों की भावना को याद करने का मौका है।
राज्य के प्रारंभिक वर्षों की चुनौतियों को स्वीकार करते हुए, राज्यपाल ने कठिन भूभाग और सीमित बुनियादी ढांचे के बीच राज्य के निर्माण की कठिन यात्रा को याद किया।
परनाइक ने कहा, ‘‘हम एक परिवर्तनकारी दौर देख रहे हैं, जिसमें बेहतर प्रशासनिक पहुंच और उत्तरदायी, नागरिक-केंद्रित शासन व्यवस्था शामिल है।’’
उन्होंने सुशासन के मूल में वित्तीय ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्व पर जोर दिया और ई-विधान प्रणाली के कार्यान्वयन की सराहना की।
राज्यपाल ने मजबूत भूमि सुधार, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छता और सफाई पर मजबूत कानून बनाने तथा अधिकार-आधारित, भागीदारी नीतियों के माध्यम से महिलाओं के अधिक सशक्तीकरण का आह्वान किया।
उन्होंने विधायकों से पर्यावरणीय स्थिरता, लैंगिक समानता और गरीबी उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित करते हुए सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध होने का आग्रह किया।
परनाइक ने सांसदों को समाज के सबसे कमजोर वर्गों के प्रति उनकी नैतिक जिम्मेदारी की भी याद दिलाई।
भाषा
देवेंद्र नरेश
नरेश
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