ईटानगर, 22 मार्च (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल केटी परनायक ने शनिवार को कहा कि स्थानीय समुदायों और सुरक्षा बलों के बीच घनिष्ठता से विश्वास और सहयोग को बढ़ावा मिलेगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का बेहतर प्रबंधन हो सकेगा।
परनायक ने लोअर सियांग जिले के लिकाबली सैन्य शिविर में भारतीय सेना की 56वीं ‘इन्फैंट्री डिवीजन’ द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए उन्नत प्रौद्योगिकी और सामुदायिक सहयोग के माध्यम से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सुरक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा और राज्य का विकास साथ-साथ होना चाहिए।
राजभवन की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, परनायक ने स्थानीय समुदायों और सुरक्षा बलों के बीच घनिष्ठता, सीमा प्रबंधन में विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देने की वकालत की।
परनायक ने कहा कि केंद्र ने सीमावर्ती गांवों को आवश्यक बुनियादी ढांचे से लैस करने के लिए ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ (वीवीपी) शुरू किया है।
उन्होंने इन गांवों को आत्मनिर्भर और संपन्न बनाने के लिए राज्य सरकार, सशस्त्र बलों और स्थानीय समुदायों के बीच समन्वित प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।
शुक्रवार को शुरू हुई दो दिवसीय संगोष्ठी में राज्य के प्राचीन व्यापार मार्गों, आदिवासी सामाजिक विकास और सांस्कृतिक संबंधों पर चर्चा की गई।
विशेषज्ञों ने संकट प्रबंधन, समावेशिता, सांस्कृतिक संवेदनशीलता और सार्वजनिक धारणा को आकार देने में मीडिया की भूमिका पर भी विचार-विमर्श किया।
भाषा जितेंद्र धीरज
धीरज
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.