ईटानगर, तीन जून (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले में दीवार गिरने की घटना में एक मजदूर की मौत हो गई। इससे राज्य में लगातार जारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 11 पर पहुंच गई है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के बयान के अनुसार, एक जून को भूस्खलन के दौरान दीवार गिरने से 38 वर्षीय भावेन मुर्मू की मौत हो गई, जबकि इस घटना में जीआरईएफ के तीन कर्मचारी घायल हो गए।
बयान में कहा गया है कि 23 जिलों के 156 गांवों में बाढ़ से कुल 938 लोग प्रभावित हुए हैं। इसमें बताया गया है कि लोअर सुबनसिरी जिले में 114 कच्चे मकानों, 45 पक्के घरों और नौ झोपड़ियों के नष्ट होने सहित काफी नुकसान की सूचना है।
अधिकारियों के मुताबिक, जिले में 51 सड़कों, 17 बिजली लाइन, 23 जलापूर्ति लाइन और दो स्कूल सहित कई बुनियादी ढांचों को गंभीर नुकसान हुआ है।
ईटानगर राजधानी क्षेत्र (आईसीआर) और पक्के केसांग में भी बड़े पैमाने पर नुकसान की खबर है, जहां आईसीआर की पानी की मुख्य पाइपलाइन और दरिया हिल पर सड़क जैसी प्रमुख संपत्तियां गंभीर रूप से प्रभावित हुई हैं।
अधिकारियों के अनुसार, पश्चिम कमेंग, कमले, लोअर और अपर सुबनसिरी, पपुम पारे, दिबांग घाटी, लोअर दिबांग घाटी, लोहित, चांगलांग, क्रा दादी, कुरुंग कुमे और लोंगडिंग सहित कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति और भूस्खलन की सूचना है।
उन्होंने बताया कई नदियां और सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, बाढ़ और भूस्खलन के कारण लगभग 15 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल, आठ हेक्टेयर क्षेत्र में बागानों और सात हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने बताया कि चांगलांग जिले में बुरी-दिहिंग नदी में आई बाढ़ के कारण शनिवार को ट्रांस-अरुणाचल राजमार्ग पर माकनटोंग पुल का आधा हिस्सा बह गया, जिससे मियाओ और बोर्डुमसा के बीच सड़क संपर्क टूट गया।
अधिकारियों ने बताया कि मियाओ उपखंड के ज्यादातर इलाके जलमग्न हो गए हैं, जिससे मवेशियों और बागानों को काफी नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने बताया कि नोआ-दिहिंग नदी के किनारे जुप्रा और रिवर कैफे जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी जलमग्न हो गए हैं।
अधिकारियों के अनुसार, अपर सुबनसिरी में हंगकर पाइपलाइन में दरार आने के बाद जल आपूर्ति प्रणाली बाधित हो गई है। उन्होंने बताया कि जन स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग (पीएचईडी) की टीम प्रणाली को बहाल करने के लिए काम कर रही हैं, जबकि टैंकर के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है।
नामसाई जिले के अधिकारियों ने अलुबारी सरकारी माध्यमिक विद्यालय में एक राहत शिविर स्थापित किया है, जहां वर्तमान में 59 बेघर लोगों को आश्रय दिया जा रहा है।
राज्य आपदा प्रबंधन सचिव दानी सुलु ने कहा कि राहत और बचाव अभियान जारी है। उन्होंने बताया कि अब तक 18 लोगों को निकाला गया है, जिनमें 14 श्रमिक शामिल हैं।
सुलु के मुताबिक, इन श्रमिकों को लोअर दिबांग घाटी से हवाई मार्ग से निकाला गया। उन्होंने बताया कि चार अन्य लोगों को लोहित जिले के जल्लुकबारी गांव से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
भाषा खारी पारुल
पारुल
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