ईटानगर, 15 मार्च (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के गृह मंत्री बमांग फेलिक्स ने मंगलवार को विधानसभा को बताया कि असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच दशकों पुराने सीमा विवाद को दोनों राज्य सरकारें सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए काम कर रही हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नबाम तुकी के एक सवाल के जवाब में फेलिक्स ने कहा कि दोनों राज्य सरकारों ने इस मुद्दे पर प्रारंभिक चर्चा की है और आपसी सहमति के मानदंडों के माध्यम से इसे सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने का संकल्प लिया है।
फेलिक्स ने कहा, ‘‘अरुणाचल प्रदेश सरकार ने पिछले साल 15 जुलाई को एक उच्चाधिकार प्राप्त मंत्रिस्तरीय समिति नियुक्त की थी जिसने विभिन्न हितधारकों के साथ कई बैठकें बुलाई थीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हाई रिजॉल्यूशन उपग्रह चित्र प्राप्त किए गए हैं और असम के साथ सीमा साझा करने वाले राज्य के 12 जिलों में जमीनी अध्ययन और सत्यापन किया जा रहा है।’’
पूर्व मुख्यमंत्री तुकी ने कहा कि इस मुद्दे के उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद असम से अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्र में अतिक्रमण की घटनाएं नियमित रूप से सामने आ रही हैं। इस पर फेलिक्स ने कहा कि राज्य प्रशासन स्थिति से वाकिफ है और जब भी ऐसी घटनाएं सामने आती हैं तो पड़ोसी राज्य से बातचीत की जाती है।
फेलिक्स ने कहा कि सीमा विवाद नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर ट्रैक्ट्स (एनईएफटी) से विरासत में मिला है, क्योंकि राज्य के 12 जिले असम के साथ कुल 716 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने स्थानीय सीमा आयोग का गठन करते हुए इसके अध्यक्ष के रूप में एक पूर्व न्यायाधीश को नियुक्त किया। आयोग ने 2014 में अदालत को अपने निष्कर्ष और सिफारिशें प्रस्तुत कीं।’’
गृह मंत्री ने कहा, ‘‘तीन मार्च 2015 के कैबिनेट के फैसले के अनुसार राज्य सरकार ने सिफारिशों पर सहमति जताई। हालांकि, असम ने उन्हें स्वीकार नहीं किया और 1989 की मूल याचिका लिए एक जवाबी हलफनामा दायर किया।’’
उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने फैसला किया है कि मुद्दों को तय करने पर नियमित सुनवाई की जाएगी।
भाषा आशीष पवनेश
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