रायपुर, 25 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) पूरे विश्व के लिए प्राथमिकता वाला क्षेत्र बन गया है और यह उभरती हुई प्रौद्योगिकी विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं के लिए व्यापक अवसर खोलेगी।
राष्ट्रपति ने इसके साथ ही यह भी कहा कि ‘इंटरडिसिप्लिनरी अप्रोच इंजीनियरिंग’ क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करेगा।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर के 14वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुर्मू ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे एआई विभिन्न क्षेत्रों में युवाओं के लिए अवसर खोलेगा।
उन्होंने दीक्षांत समारोह में छात्रों से कहा, ‘प्रौद्योगिकी का विकास विज्ञान पर निर्भर करता है। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने के वास्ते आप सभी के लिए अत्याधुनिक तकनीक की जानकारी होना मददगार होगा।’
राष्ट्रपति ने कहा कि 2024 में भौतिकी के दो और रसायन विज्ञान के चार वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार मिला है और इनके कार्य एआई से संबंधित थे। उन्होंने कहा कि ‘आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क’ से लेकर ‘माइक्रो-आरएनए’ की खोज और प्रोटीन संरचना की भविष्यवाणी तक, एआई के उपयोग पर आधारित ऐसे कार्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी की पारंपरिक सीमाओं से ऊपर उठकर ही किए जा सकते हैं। भौतिकी और रसायन विज्ञान के क्षेत्र में किए गए ये कार्य कई असाध्य रोगों की रोकथाम और उपचार के द्वार खोलेंगे।
उन्होंने कहा कि यह ‘इंटरडिसिप्लिनरी अप्रोच इंजीनियरिंग’ में नवाचार को प्रोत्साहित करेगा।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘जिस तरह औद्योगिक क्रांति ने मानव श्रम को मशीनों द्वारा सहायता और विस्तार प्रदान किया, उसी तरह एआई क्रांति बड़ा परिवर्तन लाएगी। पूरी दुनिया एआई को प्राथमिकता दे रही है।’
राष्ट्रपति मुर्मू ने जोर देकर कहा कि एआई का जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में गहरा प्रभाव पड़ने वाला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अत्याधुनिक तकनीक को बढ़ावा दे रही है।
उन्होंने कहा, ‘भारत ‘ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ का संस्थापक सदस्य है। एआई का सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, सामरिक और अन्य क्षेत्रों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। इंडिया एआई मिशन के तहत देश में स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है। एआई से जुड़े अनेक क्षेत्रों में हमारे युवा इंजीनियरों के लिए विकास के नए रास्ते खुलेंगे।”
राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष अप्रैल में उन्हें टाटा मेमोरियल सेंटर और आईआईटी बंबई द्वारा कैंसर के उपचार के लिए देश में विकसित पहली जीन थेरेपी पद्धति का शुभारंभ करने का अवसर मिला।
उन्होंने कहा, ‘मैं चाहती हूं कि आईआईटी बंबई और टाटा मेमोरियल सेंटर के उदाहरण से प्रेरित होकर एनआईटी रायपुर के छात्र और प्राध्यापक एम्स रायपुर, आईआईटी भिलाई और पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के साथ सहयोग की संभावनाओं को समझें और उन्हें कार्यरूप प्रदान करें… इस तरह का सहयोग राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी किया जाना चाहिए।’
राष्ट्रपति ने कहा कि स्थानीय समस्याओं के लिए कम लागत वाले समाधान विकसित करना सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रबंधन, छात्रों और प्राध्यापकों की प्राथमिकता होनी चाहिए। उनका पेशेवर दृष्टिकोण वैश्विक होना चाहिए लेकिन स्थानीय लोगों को भी उनकी विशेषज्ञता का लाभ मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ‘थिंक ग्लोबल, एक्ट लोकल’ नीति उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्रों और शिक्षकों के लिए बहुत प्रासंगिक है।
मुर्मू ने कहा, ‘ ‘डिजिटल इन्क्लुजन’ के क्षेत्र में भारत की सफलता ने दुनिया को चौंका दिया है। हमारे देश में ऐसे अन्य उदाहरण प्रस्तुत करने की क्षमता है।’
राष्ट्रपति ने छात्रों को अपनी प्राथमिकताएं तय करने और अपने जीवन मूल्यों को निर्धारित करने की सलाह दी।
उन्होंने कहा, ‘क्या आप केवल अपने व्यक्तिगत विकास और सफलता के लिए काम करेंगे या आप समाज और देश की भी चिंता करेंगे? क्या आप सफलता की दौड़ में अकेले आगे बढ़ना चाहेंगे या आप अपने दोस्तों और पीछे छूट गए लोगों को भी साथ लेकर चलेंगे? क्या आप भौतिक सफलता के लिए नैतिक मूल्यों से समझौता करेंगे? मुझे लगता है कि आप ऐसा नहीं करेंगे।”
उन्होंने कहा कि दूसरों के कल्याण के लिए काम करना व्यक्तिगत जीवन को सार्थक बनाता है और सामाजिक जीवन को बेहतर बनाता है। राष्ट्रपति ने कहा कि सौभाग्य से, हमारे देश में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जैसी महान हस्तियों ने मानव कल्याण के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के कई अनुकरणीय उदाहरण स्थापित किए हैं।
उन्होंने छात्रों को ऐसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों की विरासत को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि केंद्र ने भारत को ‘ग्लोबल सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग हब’ बनाने के उद्देश्य से लगभग तीन साल पहले ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ की शुरुआत की थी। युवा इंजीनियरों को इस उद्योग में रोजगार और स्टार्ट-अप के कई अवसर मिलेंगे।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी मौजूद थे।
भाषा संजीव नोमान
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