नई दिल्ली: दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बुधवार को सीमा चौकियों से संभवतः बांग्लादेशी मूल के करीब 500 लोगों को खदेड़ दिया और उन्हें अवैध रूप से भारत में घुसने से रोक दिया.
बीएसएफ के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया कि बीएसएफ के उत्तर बंगाल सीमांत क्षेत्र में तीन सीमा चौकियों पर अवैध रूप से भारत में घुसने की कोशिश की गई, जो बांग्लादेश की सीमा से लगती है.
ये सीमा चौकियां सिलीगुड़ी सेक्टर में ‘शुभेंदु’ और किशनगंज सेक्टर में ‘मुकेश’ और ‘मोरिया घाटी’ हैं.
बांग्लादेश में शेख हसीना के शासन के पतन के बाद अवैध आव्रजन के प्रयास शुरू हुए. देश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के कारण हसीना भारत भाग गईं. बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर कथित तौर पर देश के कुछ जिलों में हमला किया जा रहा है.
अवैध आव्रजन को रोकने के लिए, बीएसएफ ने बांग्लादेश के साथ भारत की 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा पर ‘हाई अलर्ट’ जारी किया है, जैसा कि दिप्रिंट ने पहले बताया था.
एक अन्य बीएसएफ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि जब हाई अलर्ट जारी किया जाता है, तो वरिष्ठ बीएसएफ अधिकारी, जो आम तौर पर इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट और अन्य एंट्री प्वाइंट्स की सुरक्षा नहीं करते हैं, उन क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने के लिए तैनात किए जाते हैं. इसके अतिरिक्त, बल प्रत्याशित खतरों की प्रकृति के आधार पर नई संरचनाएं भी बनाते हैं या पहले से मौजूद संरचनाओं में बदलाव करते हैं.
‘एक गोली चली’
बीएसएफ के सूत्रों ने बताया कि बुधवार को दोपहर करीब 1 बजकर 40 मिनट पर, भारत में प्रवेश करने की कोशिश में मुकेश चौकी पर करीब 150 लोग एकत्र हुए. नतीजतन, चेक पोस्ट पर मौजूद बीएसएफ कर्मियों को उन्हें क्षेत्र से खदेड़ने के लिए फायरिंग का सहारा लेना पड़ा.
बीएसएफ के पहले अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, “बीएसएफ चेक पोस्ट की सीमा का उल्लंघन करने के प्रति ज़ीरो टॉलरेन्स दिखाने के लिए हवा में एक गोली चलाई गई. इस गोली ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया.”
इसके अलावा, करीब 40 लोग शाम 6 बजकर 15 मिनट पर मोरिया घाटी में जमा हो गए थे.
बीएसएफ के एक अन्य अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि सबसे चुनौतीपूर्ण स्थिति शुभेंदु में पैदा हुई, जहां करीब 100 लोग दोपहर 1 बजकर 45 मिनट पर जमा हो गए. लोगों की संख्या तेजी से बढ़कर 300 हो गई, जिससे स्थिति और खराब होने का डर पैदा हो गया.
बीएसएफ के सूत्रों ने बताया कि बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) – बांग्लादेश के बीएसएफ के समकक्ष – की सहायता से लोगों को तितर-बितर किया गया और उन्हें अपने देश लौटने के लिए राजी किया गया.
भारतीय राजनेताओं ने बांग्लादेश में उथल-पुथल के कारण पूर्वी राज्यों पश्चिम बंगाल और असम पर पड़ने वाले प्रभाव की संभावना पर चिंता व्यक्त की है.
बीएसएफ के अंतरिम महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी को स्थिति की जिम्मेदारी लेने और सीमा चौकियों पर बीएसएफ सैनिकों की तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए पश्चिम बंगाल भेजा गया. बाद में, बुधवार को वे त्रिपुरा भी गए, जिसकी सीमा बांग्लादेश के साथ मिलती है.
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