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Wednesday, 17 December, 2025
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प्राकृतिक आपदाओं और रख-रखाव के कारण करीब 1,693 टन अनाज बर्बाद : आरटीआई

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इंदौर (मध्यप्रदेश), 31 जुलाई (भाषा) सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून से पता चला है कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के देश भर में फैले गोदामों में पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान प्राकृतिक आपदाओं और रख-रखाव के कारणों से करीब 1,693 टन अनाज बर्बाद हो गया।

हालांकि, इस ब्योरे में चौंकाने वाला दावा किया गया है कि उक्त अवधि के दौरान इन गोदामों में जमा अनाज की कोई भी मात्रा चूहे सरीखे कुतरने वाले जानवरों और पंछियों की वजह से नष्ट नहीं हुई।

नीमच के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सूचना का अधिकार कानून के तहत उनकी अर्जी पर एफसीआई ने उन्हें यह जानकारी दी है।

गौड़ ने कहा, ‘सरकारी गोदामों में अनाज की बर्बादी के लिए खासकर चूहों को भी लंबे समय से जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है। इसलिसे एफसीआई को खुलासा करना चाहिए कि पिछले वित्तीय वर्ष में उसने आखिर कौन-से करामाती इंतजाम कर लिए कि गोदामों में रखे अनाज को चूहे जरा भी नुकसान नहीं पहुंचा सके।’

उन्होंने आरटीआई कानून से मिली जानकारी के हवाले से बताया, ‘‘2021-22 के दौरान बारिश से 48 टन, बाढ़ से 592 टन और चक्रवात से 28 टन अनाज एफसीआई के गोदामों में बर्बादी की भेंट चढ़ गया, जबकि रख-रखाव के अलग-अलग कारणों से 1,025 टन अनाज नष्ट हुआ। अनाज के इस बर्बाद भंडार में 619.49 टन गेहूं और 1,073.93 टन चावल शामिल है l’’

जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश और हरियाणा सरीखे प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों समेत 15 प्रदेशों में 2021-22 के दौरान एफसीआई के गोदामों में गेहूं का एक भी दाना बर्बाद नहीं हुआ।

इसी तरह, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ जैसे प्रमुख चावल उत्पादक प्रांतों समेत 14 राज्यों में एफसीआई के गोदामों में उक्त अवधि के दौरान भंडारित चावल के ‘‘शून्य नुकसान’’ का ब्योरा दिया गया है।

आरटीआई कानून के तहत मिली जानकारी से यह भी पता चलता है कि एफसीआई के गोदामों में अनाज की बर्बादी साल-दर-साल घट रही है। ब्योरे के मुताबिक इन गोदामों में 2018-19 में 5,213 टन, 2019-20 में 1,930 टन और 2020-21 में 1,850 टन अनाज प्राकृतिक आपदाओं और रख-रखाव के कारणों से नष्ट हुआ था।

भाषा हर्ष रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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